मनुस्मृति के हवाले से महिलाओं का अनादर करने का आरोप, भाजपा ने सांसद तिरुमावलवन के खिलाफ दी शिकायत

वीसीके महासचिव तोल तिरुमावलवन के खिलाफ भाजपा ने आम्बूर सिटी कोतवाली में मामला दर्ज कराया। तिरुमावलवन पर मनुस्मृति के हवाले से महिलाओं का अनादर करने का आरोप है। ऑनलाइन वेबिनार में तिरुमावलवन ने मनु स्मृति और उसमें महिलाओं के वर्णन को लेकर टिप्पणी की थी। इस वेबिनार का वीडियो यूट्यूब पर अपलोड होने के बाद बवाल कटा।
 

<p>मनुस्मृति के हवाले से महिलाओं का अनादर करने का आरोप, भाजपा ने सांसद तिरुमावलवन के खिलाफ दी शिकायत</p>

चेन्नई/वेलूर. लोकसभा सांसद और वीसीके महासचिव तोल तिरुमावलवन के खिलाफ भाजपा ने आम्बूर सिटी कोतवाली में मामला दर्ज कराया। तिरुमावलवन पर मनुस्मृति के हवाले से महिलाओं का अनादर करने का आरोप है। डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने मसले को साम्प्रदायिक रूप देने का आरोप लगाया तो पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदम्बरम का सवाल था कि तिरुमावलवन का विचार रखना कैसे अपराध हो सकता है?

मामला एक महीना पुराना है जब ऑनलाइन वेबिनार में तिरुमावलवन ने मनु स्मृति और उसमें महिलाओं के वर्णन को लेकर टिप्पणी की थी। इस वेबिनार का वीडियो यूट्यूब पर अपलोड होने के बाद बवाल कटा।

इस वीडियो के आधार पर हिन्दू संगठनों व भाजपा ने लोकसभा सांसद की खिलाफत की। पुलिस ने ६ धाराओं के तहत तिरुमावलवन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। सांसद ने सफाई दी कि उन्होंने महिलाओं को अपमानित करने जैसी कोई टिप्पणी नहीं की थी। उन्होंने कहा था कि मनु स्मृति में महिलाओं का निम्नतर चित्रण हुआ है।
एनएसए लगाने की मांग
भाजपा की तिरुपत्तूर जिला इकाई के नेताओं ने आम्बूर नगर थाने में वीसीके सांसद पर कार्रवाई की मांग करते हुए मुकदमा दर्ज कराया। पार्टी जिला प्रमुख सी. वासुदेवन ने शिकायत में तिरुमावलवन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने की मांग की।

चिदम्बरम और स्टालिन ने मुकदमा दर्ज करने पर उठाया सवाल

यह जुर्म कैसे : पी. चिदम्बरम ने ट्वीट कर पूछा कि तिरुमावलवन के किसी विषय पर विचार रखने के दो पक्ष हो सकते हैं कि या तो उसे स्वीकारा जाएगा अथवा नकार दिया जाएगा। लेकिन यह जुर्म कैसे हो सकता है कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया?

वीडियो से छेड़छाड़ : डीएमके अध्यक्ष स्टालिन ने आरोप लगाया कि तिरुमावलवन की वीडियो से छेड़छाड़ कर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट उनकी छवि बिगाडऩे की साजिश हुई है जिसका मकसद हिंसा फैलाना है। ऐसे साम्प्रदायिक लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन पर दर्ज शिकायत वापस ली जानी चाहिए।

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