जीआईएस का उपयोग कर नक्शा बनाने का निर्णय

जीआईएस का उपयोग कर नक्शा बनाने का निर्णय

<p>chennai corporation</p>
चेन्नई. शहर में अतिक्रमण से जलभराव से बचाव के लिए और तूफान के पानी के निकासी नेटवर्क को लेकर ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का उपयोग करके नक्शा बनाने का निर्णय लिया है। परियोजना के तहत जल निकायों की सीमाओं को मैप किया जाएगा ताकि अतिक्रमणों को रोका जा सके।
निगम के एक अधिकारी ने कहा कि तूफान के पानी की नालियों और जलाशयों का भौतिक रूप से सर्वेक्षण करने के बाद मैपिंग की जाएगी। जीआईएस सर्वेक्षण करने और भू-स्थानिक मानचित्र बनाने के लिए निविदाएं मांगी गई हैं। संपत्ति कर के लिए इमारतों की पहचान के लिए शहर का पहला जीआईएस अध्ययन कुछ साल पहले किया गया था। तब से नागरिक निकाय ने सार्वजनिक उपयोगिताओं की मैपिंग शुरू कर दी थी, जिसमें चेन्नई कॉर्पोरेशन के कार्यालय, पार्क, सार्वजनिक शौचालय और अन्य शामिल थे।
खाली भूखंडों और इमारतों की पहचान के लिए चर्चा

अधिकारी ने कहा, तूफान के पानी के निकास नेटवर्क की मैपिंग सुविधा की समझ प्रदान करेगी। इससे हम भविष्य की आवश्यकता की पहचान कर सकते हैं। वर्तमान में निगम 2,000 किलोमीटर से अधिक की तूफानी जल निकासी नेटवर्क और 210 जल निकायों का रखरखाव करता है, जिसमें मंदिर के तालाब भी शामिल हैं। अतिक्रमणों को रोकने के लिए नागरिक निकाय के स्वामित्व वाले खाली भूखंडों और इमारतों की पहचान के लिए भी चर्चा चल रही है।
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