मद्रास हाईकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश संजीब बनर्जी और जस्टिस सेंथिलकुमार राममूर्ति की प्रथम पीठ ने डेमोके्रटिक यूथ फैडरेशन ऑफ इंडिया की पुदुचेरी इकाई के अध्यक्ष ए. आनंद की जनहित याचिका पर सुनवाई की। आनंद का आरोप है कि भाजपा की पुदुचेरी इकाई ने अवैध रूप से आधार में साझा की गई वोटर्स की निजी सूचनाओं का उपयोग चुनाव प्रचार में किया है। भाजपा प्रत्याशी अपने निर्वाचन क्षेत्र में आधार में पंजीयत मोबाइल नम्बर से वाट्सऐप्प गु्रप बनाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता जी. राजगोपालन ने कहा कि भाजपा को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। यह पुलिस जांच का मसला है जहां यह पता लगाना है कि भाजपा को आधार से लिंक मोबाइल फोन नम्बर कैसे मिले?याची की अधिवक्ता एमएन सुमति ने न्यायालय को बताया कि उनके मुवक्किल को पुदुचेरी पुलिस जांच के नाम पर प्रताडि़त कर रही है।
हाईकोर्ट ने पुलिस को इस पर फटकारा कि वह अपना कर्तव्य याद रखे। गंंभीर जांच जरूरीप्रधान पीठ ने कहा कि इस मामले की गंभीर जांच होनी चाहिए। पीठ ने भारत निर्वाचन आयोग से पूछा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती क्यों नहीं केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव स्थगित कर दिए जाते? चुनाव आयोग को जांच पूरी कर ३१ मार्च तक स्थिति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश हुए है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से भी डेटा उपयोग को लेकर जवाब मांगा है। समान मापदंडहाईकोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग का मापदंड सभी पार्टियों के लिए समान होना चाहिए। फिर चाहे कोई पार्टी सत्ता में हो अथवा विपक्ष में। स्वतंत्र व निष्पक्ष रूप से चुनाव कराने की चुनाव आयोग की जिम्मेदारीपूर्ण भूमिका को हम कम नहीं आंकते।