राज्य के हित में फैसला लेंगे मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वर्तमान स्थिति से संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के सलाहकार द्वारा कर्फ्यू विस्तार की अटकलों को गति दी गई थी। कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि मुख्य सचिव ने उनके निर्देशों पर बाद में इसे निरस्त कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा- राज्य सरकार लगातार बढ़ती स्थिति का आकलन और समीक्षा कर रही है, जो दिन-प्रतिदिन बदल रही है। कोई भी निर्णय मध्य-अप्रैल के आसपास व्याप्त स्थितियों के संदर्भ में राज्य और उसके लोगों के समग्र हित को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा।
अंतिम निर्णय से पहले इसका ध्यान मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में महामारी वर्तमान में नियंत्रित है। इस स्थिति के बारे में कभी भी कुछ भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। स्थिति की बदलती हुई गतिशीलता को देखते हुए सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए अंतिम निर्णय लेने से पहले ध्यान रखा जाएगा कि कर्फ्यू को पूरी तरह या आंशिक रूप से हटाना है।
स्थिति पर नजर कैपटन अमरिन्दर सिह ने कहा- केवल पंजाब में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में, हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। हम यह भी ध्यान में रख रहे हैं कि जिस तरह से महामारी दूसरे देशों में व्यवहार कर रही है ताकि हम उनकी सीखों के अनुसार काम कर सकें और उसके अनुसार कार्य कर सकें।
जीवन बचाना सर्वोच्च प्राथमिकता उन्होंने कहा कि भारत में शुरुआती लॉकडाउन ने मदद की थी और जबकि स्थिति कुछ अधिक उन्नत देशों की तुलना में बेहतर थी। उन्होंने दोहराया कि जीवन को बचाना इस समय उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जो भी फैसला होगा, वह उसी के आसपास केंद्रित होगा। यह भी देखा जाएगा कि आने वाले समय में राज्य में महामारी कैसे आकार लेगी। पंजाब सरकार ने 23 मार्च को राष्ट्रीय तालाबंदी की घोषणा करने से एक दिन पहले ही राज्यव्यापी कर्फ्यू लगा दिया था।