ये है पूरा मामला
बीएचयू (BHU) में पढ़ने वाली एक रांची निवासी छात्रा अनन्या नई दिल्ली से रांची जाने वाली स्पेशल राजधानी एक्सप्रेस (Rajdhani Express) में मुगलसराय स्टेशन से रांची (Mughalsarai to Ranchi) के लिये ट्रेन के बी-3 कोच में 51 नंबर सीट पर सवार हुई। लातेहार जिले स्थित टोरी में टाना भगतों के रेलवे ट्रैक पर चल रहे आंदोलन की वजह से डालटनगंज (Daltonganj) में ट्रेन रोक दिया गया। घंटों बाद भी आंदोलन खत्म नहीं हुआ तो रेलवे ने यात्रियों के लिये वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए उन्हें बस से उनके गंतव्य तक भेजने का फैसला किया। यात्रियों के लिये बस मंगवाई गई और उन्हें रवाना किया जाने लगा। बस यहीं छात्रा अनन्या अड़ गई। उसने बस से जाने से इनकार कर दिया। उसका कहना था कि उसने जब ट्रेन का टिकट खरीदा है तो वह बस से क्यों सफर करे। वह बस से नहीं जाएगी।
अधिकारियों ने भी मान ली हार
छात्रा जब ट्रेन से जाने की अपनी जिद पर अड़ गई रेलवे अधिकारी चिंता में पड़ गए। पहले तो काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन जब वह नहीं मानी तो इसकी हार मानकर इसकी सूचना रेलवे मुख्यालय (Railway Headquarter) को कर दी गई। इसके बाद रेलवे अधिकारियों ने छात्रा अनन्या को कार से भेजने की पेशकश की, लेकिन उसने इनकार कर दिया। वह जिद पर अड़ी रही कि राजधानी एक्सप्रेस से ही रांची जाएगी। आखिरकार छात्रा की जिद के आगे रेलवे को झुकना पड़ा और उसे राजधानी एक्सप्रेस से रांची भेजा गया।
रूट बदलकर राजधानी एक्सप्रेस से भेजा गया
जब छत्रा नहीं मानी तो उसे रेलवे ने राजधानी एक्सप्रेस से ही रांची भेजने की हामी भरी। यूं तो ट्रेन को तय रूट के हिसाब से डाॅल्टनगंज से सीधे रांची जाना था। डाॅल्टनगंज से रांची की दूरी 308 किलोमीटर है, लेकिन छात्रा की जिद के बाद ट्रेन को गया से वाया गोमो और बोकारो होकर रांची रवाना करना पड़ा। इतना ही नहीं छात्रा की सुरक्षा के लिये आरपीएफ की कई महिला सिपाही भी तैनात की गई थी।