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झारखंड की राजधानी रांची के मेदांता अस्पताल में मंत्री हाजी हुसैन ने आखिरी सांस ली। वह 73 साल के थे। बताया गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद उन्हें 23 सितंबर को मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उनका इलाज चल रहा था। 2 अक्टूबर को उनकी कोरोना रिपोर्ट तो नेगेटिव आ गई थी लेकिन वह फेफड़ें से जुड़ी व अन्य बीमारियों से भी ग्रस्त थे जिससे शनिवार को उनका देहांत हो गया।
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हाजी हुसैन के राजनीतिक कद की बात करे तो वह सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे। मधुपुर सीट से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद हेमंत सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया। इससे पहले भी वे राज्य सरकार में मंत्री रह चुके थे।
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हाजी हुसैन अंसारी के निधन से झारखंड के हर राजनीतिक दल के लोग मर्माहत है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने कहा कि हाजी हुसैन अंसारी के निधन से मर्माहत हूं। अंसारी सर्वसुलभ जन प्रिय नेता होने के साथ-साथ मेरे प्रिय साथी भी थे। संगठन एवं जनहित के मुद्दों को लेकर हमेशा सजग रहने वाला झारखंड के सच्चा नेता हमारे बीच नहीं रहे। यह हमारी पार्टी के लिए अपूर्णीय क्षति है।
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गौरतलब है कि झारखंड में कई राजनेता कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। खुद जेएमएम अध्यक्ष शिबू सोरेन संक्रमण की चपेट में आ गए थे हालांकि अभी वह स्वस्थ है। राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो कोरोना से संक्रमित होने के बाद गंभीर स्थिति में है। वह मेडिका अस्पताल में स्वस्थ होने के लिए बीमारी से जंग लड़ रहे है। राज्य में 85400 लोग अभी तक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं जबकि 729 लोगों की मौत हो चुकी हैं।