ये है कोर्स लेबर स्टडीज पढ़ना चाहते हैं तो एमए इन डेवलपमेंट एंड लेबर स्टडीज, एमए इन ग्लोबलाइजेशन एंड लेबर स्टडीज, एमए इन लेबर एंड डेवलपमेंट, पीएचडी इन इनफॉर्मल लेबर स्टडीज, एमफिल एंड पीएचडी इन मैनेजमेंट एंड लेबर स्टडीज जैसे कोर्सेज में एडमिशन ले सकते हैं।
इन कॉलेजिस में ले सकते हैं दाखिला देश में लेबर स्टडीज के लिए जेएनयू, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, वी.वी. गिरी नेशनल लेबर इंस्टीट्यूट, लेट नारायण मेघाजी लोकहांडे महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट ऑफ लेबर स्टडीज के अलावा इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी से भी आप इस कोर्स की पढ़ाई कर सकते हैं।
नौकरी के अपार अवसर लेबर स्टडीज से पीजी या पीएचडी की पढ़ाई के बाद आप इंडस्ट्रियल रिलेशन, ह्यूमन रिसोर्स, एम्प्लॉयमेंट एंड लेबर लॉ, एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट, हेल्थ व सेफ्टी के अलावा लेबर मिनिस्ट्री व अन्य सरकारी संस्थानों में जॉब कर सकते हैं। लेबर स्टडीज की पढ़ाई के बाद आप एक पदाधिकारी के रूप में किसी कंपनी और लेबर ऑर्गनाइजेशन के बीच तालमेल बैठाने का काम करते हैं। वहीं आप चाहें तो फ्रीलांसिंग भी कर सकते हैं और कर्मचारियों को कानूनी सलाह दे सकते हैं। इस सब्जेक्ट की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स के लिए मजबूत कम्यूनिकेशन स्किल्स भी जरूरी हैं।
जॉब के लिए सिर्फ डिग्री काफी नहीं लेबर स्टडीज में सिर्फ डिग्री लेने भर से आपके कॅरिअर का रास्ता नहीं खुलता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने मजदूरों से जुड़े मुद्दों को लेकर कितनी समझ विकसित की है। मजदूरों से जुड़े कॉन्सेप्ट्स की स्पष्टता और बेहतर रिसर्च ही आपको इंटरव्यू में कामयाबी दिला सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बढ़ती जनसंख्या, लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन, लेबर एजुकेशन एनरोलमेंट व मजदूरों की आर्थिक समस्या को समझकर ही आप उनके जीवनस्तर को बेहतर बनाने और उनके आॅलराउंड डेवलपमेंट को बढ़ावा दे सकते हैं।