मोबाइल एप डिजाइनर
रिजल्टस आने के बाद बच्चों के साथ परिजन भी परेशान हो जाते हैं कि 12वीं के बाद बच्चे को दाखिला किस कोर्स में करवाया जाए ताकि उनको भविष्य में कोई समस्या न हो। साथ ही कोर्स थोड़ा अलग हो और रोजगार के कई मौके दिला सके। जिन छात्रों ने अभी तक किसी भी कोर्स में दाखिला नहीं लिया है वे इन विकल्प को देख सकते हैं।
रिजल्टस आने के बाद बच्चों के साथ परिजन भी परेशान हो जाते हैं कि 12वीं के बाद बच्चे को दाखिला किस कोर्स में करवाया जाए ताकि उनको भविष्य में कोई समस्या न हो। साथ ही कोर्स थोड़ा अलग हो और रोजगार के कई मौके दिला सके। जिन छात्रों ने अभी तक किसी भी कोर्स में दाखिला नहीं लिया है वे इन विकल्प को देख सकते हैं।
सोशल मीडिया मैनेजर बढ़ते प्रचार-प्रसार के जरिए ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने वाली कंपनियां ऐसे कैंडिडेट की तलाश में लगी रहती हैं जो उनके प्रोफाइल को सोशल मीडिया पर अपटूडेट रखे। इसमें उन्हें कंपनी को प्रमोट करने के लिए ऐसे सोशल मीडिया मैनेजर की जरूरत होती है जो कंपनी की पहुंच को हर स्तर के व्यक्ति तक बना सके। इसमें क्रिएटिव होने के साथ-साथ कैंडिडेट्स के पास बैचलर डिग्री होना अनिवार्य है। इसमें सैलेरी भी अच्छी मिलती है।
करें वेबसाइट डिजाइनिंग कोर्स आजकल हर कोई प्राइवेट सेक्टर में जॉब करने के बजाय ऐसा काम करना चाहता है जिसमें किसी की बाध्यता न हो। १२वीं के बाद ऐसा कोर्स कर सकते हैं जिसके बाद घर बैठे काम या बिजनेस कर सकें। कम्प्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन या कोर्स कर वेबसाइट डिजाइनर बन सकते है। कारण हर संस्थान को अपनी आकर्षक वेबसाइट से लोगों को आकर्षित करना है। हर वेबसाइट को डिजाइन करने के लिए हजार व लाख रुपए मिल सकते हैं।
एप डिजाइनर डिजिटल मीडिया के युग में यदि आप अपनी क्रिएटिविटी को उपयोग में लेंगे तो आप कई मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी पा सकते हैं। मोबाइल एप डिजाइनर ऐसा ही एक क्षेत्र है जिसके लिए आप में डिजाइन प्रिंसिपल और पैटर्न की अच्छी समझ के साथ विजुअल कम्युनिकेशन स्किल होनी चािहए। इसके लिए आप १२वीं के बाद ग्रेजुएशन में कम्प्यूटर साइंस या बीटेक स्ट्रीम को चुन सकते हैं।
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) जैसे ही आप गूगल या याहू या किसी अन्य सर्च इंजन पर कोई प्रश्न टाइप करते हैं तो अनेक विकल्प और संबंधित वेबसाइट आपके सामने आ जाती हैं। इनके क्रम को तय करने का काम एसईओ का होता है।