ज्यादा देर तक कार में एसी चलने से केबिन के अंदर गैस भर जाती है, जिससे कई बार तो ऐसा भी हुआ है कि लोगों की दम घुटने से मौत तक हो गई है। जब कार का एसी चल रहा होता है तो सभी शीशे बंद होते हैं, जिसकी वजह से अंदर बैठे हुए लोग कार्बन डाइऑक्साइड गैस छोड़ते हैं जो अंदर ही एकत्रित होती रहती है यहां तक इंजन द्वारा छोड़ी गई मोनोऑक्साइड गैस एसी के जरिए केबिन में आ जाती है। अंदर बैठे लोग जब सांस लेंगे तो ये दोनों गैस शरीर के अंदर जाएंगी और हानिकारक साबित होंगी
जब कार में बैठे हुए लोग सो रहे होते हैं तो उन्हें पता नहीं चलता और शरीर के अंदर ऑक्सीजन के साथ-साथ ही धीरे-धीरे कार्बन डाइऑक्साइड गैस जाती रहती है और जब ये ज्यादा हो जाती है तो इंसान को दम घुटने जैसा लगने लगता है। कार में एसी चलने की वजह से अंदर मोनोऑक्साइड गैस एकत्रित हो जाती है और इसकी महक काफी हल्की होती है, जिसकी वजह से लोगों को पता नहीं चल पाता है।
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कार में एसी चलाकर सोने से पहले इन बातों पर जरूर ध्यान दें…
जब भी कार में एसी चला कर सोना हो तो उससे पहले कार का शीशा थोड़ा सा खोल देना चाहिए, जिससे अंदर ताजा हवा आती रहेगी और सांस आसानी से आएगी।
जब कार के अंदर एसी चल रहा होता है तो इसकी वजह से बाहर इंजन बहुत ज्यादा गर्म हो जाता है, इसलिए नियमित रूप से सर्विस करवाते वक्त एसी की जांच भी करवाएं।
कार के अंदर अगर AC ठीक प्रकार से कूलिंग न करे या रुक रुक कर चले तो जल्द से जल्द मैकेनिक से जाकर जांच करवाएं इसी के साथ लंबे समय में जाते वक्त कार के अंदर सोने की कम कोशिश करें।