यूज्ड कार आमतौर पर जब आप Used cars खरीदते हैं तो ये 2 से 4 साल तो पहले ही चल चुकी होती है तो ऐसे में हम आपको इसके इंजन से लेकर इसके अन्य पार्ट्स की कंडीशन के बारे में आपको बताऐंगे।
इंजन : यूज्ड कारें 2 से लेकर 4 साल तक पहले ही चल चुकी होती हैं ऐसे में इंजन में बहुत ज्यादा दिक्कत तो नहीं आती है लेकिन इसके बावजूद इंजन की परफॉर्मेंस पहले से काफी कम हो जाती है। मतलब आप जब कार चलाते हैं तो उसके पिक-अप से लेकर उसकी पावर तक सबकुछ पहले से कम हो चुका होता है।
माइलेज : हर यूज्ड कार का माइलेज इस बात पर निर्भर करता है कि उसके मालिक ने कार का रख-रखाव कैसा किया है। लेकिन पुरानी कारों में अक्सर माइलेज कम होता है क्योंकि ज्यादातर लोग कम माइलेज की वजह से ही अपनी कार को बेचना पसंद करते हैं।
सेफ्टी फीचर्स : पुरानी कारों में Safety features जैसे एयरबैग और एबीएस ( abs ) अगर हैं तो आपको उसकी सर्विसिंग करवानी पड़ेगी क्योंकि अगर कार ओनर ने एयरबैग ( Airbag )की सर्विसिंग नहीं करवाई हो तो ये आसानी से खराब हो जाता है। एक्सीडेंट के दौरान पुरानी कार के सेफ्टी फीचर्स कई बार काम ही नहीं करते हैं।
कीमत : अगर आप यूज्ड कार खरीद रहे हैं तो आपको ये कारें बेहद कम कीमत में मिल जाती है। जैसे मार्केट में किसी नई कार की कीमत 10 लाख है तो वही सेकेंड हैंड कार आपको 3 से 4 लाख रुपये में मिल जाएगी।
यूज्ड कार खरीदने के लिए बेस्ट हैं ये मार्केट्स, 19 लाख की कार यहां 6 लाख में मिल रही नई कार इंजन : जब आप नई कार खरीदते हैं तो उसका इंजन भी नया होता है जिससे आपको बेहतरीन परफॉर्मेंस मिलती है साथ ही आपको कार चलाते समय उसकी पावर भी महसूस होती है।
माइलेज : जब आप नई कार खरीदते हैं तो इसका माइलेज भी काफी बेहतरीन होता है और आप अगर अच्छे से कार का रख-रखाव करते हैं तो ये 18 से 24 Kmpl का माइलेज आसानी से देती है।
सेफ्टी फीचर्स : नई कार के सेफ्टी फीचर्स अच्छी तरह से काम करते हैं और एक्सीडेंट के समय ये आपको सुरक्षित रखते हैं। कीमत : नई कार की कीमत में आप ज्यादा बार्गेनिंग नहीं कर सकते हैं। अगर स्पेशल डिस्काउंट ऑफर ना मिले तो आपको उस कार की पूरी कीमत चुकानी पड़ती है।