एकॉन्क इलेक्ट्रिक हाइपरकार ईवी स्टार्टअप के नए इनोवेटिव बैटरी सॉल्यूशन का इस्तेमाल करती है जो पारंपरिक जटिल लिक्विड कूलिंग तकनीक का स्थान लेती है। यह कार DiCo नामक एक तकनीक का इस्तेमाल करती है जो बैटरी को किसी लिक्विड कूलिंग की जरूरत पैदा किए सीधे हवा से ठंडा करने में सक्षम बनाती है। वज़ीरानी का दावा है कि यह तकनीक इसकी ईवी को हल्का, तेज़, सुरक्षित और लागत प्रभावी बनाने के साथ-साथ इसकी रेंज को भी बढ़ाता है।
इस हाइपरकार की बॉडी को पूरी तरह से कार्बन फाइबर से बनाया गया है, जिससे इसके वजन को कम करने के साथ ही मजबूती देने में मदद मिलती है। इसको अपनी तरह के वाहन के लिए सबसे कम ड्रैग कोफिसिएंट वाली सबसे एयरोडायनेमिक रूप से तेज कारों में से एक के रूप में डिजाइन किया गया है। यही कारण है कि इसके पिछले पहियों को कवर किया गया है।
Ekonk ईवी 722hp का जबर्दस्त पावर आउटपुट पैदा करती है, जो लगभग पावर टू वेट रेशियो में बराबरी करती है। वज़ीरानी द्वारा एंड-टू-एंड बनाई गई इलेक्ट्रिक हाइपरकार का इंदौर के पास हाल ही में उद्घाटन किए गए Naxtrax हाई-स्पीड वाहन व्हीकल टेस्टिंग फैसिलिटी में भी टेस्ट किया गया है। इस दौरान इस कार ने 309 किमी प्रति घंटे की टॉप स्पीड और महज 2.54 सेकंड में 0-100 किमी प्रति घंटे का एक्सीलरेशन हासिल किया।
एकॉन्क से मिले डेटा और तकनीकी जानकारी को कंपनी Shul के प्रोडक्शन वर्जन पर लागू करेगी, जो भारत की पहली कॉन्सेप्ट हाइपरकार है। इसे यूनाइटेट किंगडम में गुडवुड फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया था। वज़ीरानी बाद में ग्राहकों को खरीदने के लिए एकॉन्क की एक लिमिटेड प्रोडक्शन सीरीज के साथ आ सकती है।
भारतीय शास्त्रों में ‘एकॉन्क’ शब्द का अर्थ है ‘दिव्य प्रकाश का प्रारंभ’। यह इलेक्ट्रिक कार, इस वाहन निर्माता के लिए एक नए युग की शुरुआत को दर्शाता है। वज़ीरानी-ऑटोमोटिव के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंकी वज़ीरानी ने कहा, “इलेक्ट्रिक वाहनों के आगमन के साथ, दुनिया भर की कंपनियों को एक खाली कैनवास से शुरुआत करनी होगी। भारत के लिए इस ईवी युग को नया करने, विकसित करने और अग्रणी बनाने का यह सही समय है।”