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ब्लाइंड स्पॉट की वजह से होते हैं एक्सीडेंट-
एक्सीडेंट की वजह बताने से पहले हम आपको बताते हैं कि ब्लाइंड स्पॉट होता क्या है। जैसे ही कोई कार औवरटेक कर आप के बराबर आती है तब वह साइड मिरर में पल भर के लिए नहीं आती है। इस स्थिति को ब्लाइंड स्पॉट कहते हैं। यह तब होता है जब मिरर गलत सेट किया हो।
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ड्राइवर पीछे वाले ऑब्जेक्ट्स को देखने के लिए कार में मौजूद तीन मिरर का इस्तेमाल करना पड़ता है, पहला मिरर कार के अन्दर जबकि बाकी दो मिरर कार के बाहर दोनों साइड्स में लगे होते हैं। ये तीनों मिरर पीछे से आ रहे वाहन की पोजीशन को बताते हैं। इनमें से किसी भी एक मिरर की सेटिंग गलत होने पर पीछे वाला ऑब्जेक्ट ठीक से दिखाई नहीं देता। इसे ब्लाइंड स्पॉट कहा जाता है। इसकी वजह से कई बार एक्सीडेंट हो जाते हैं।
इस तरह सेट होना चाहिए मिरर-
कार के तीरों मिरर ठीक से सेट हों तो ब्लाइंड स्पॉट से बचा जा सकता हैं। इसके लिए मिरर्स को ऐसे सेट करें कि ताकि कोई गाड़ी पीछे से ओवरटेक कर रही हो तो वह जब सेंटर मिरर में दिखना बंद हो जाए तो साइड मिरर में तुरंत दिखाई दे। इस तरह से आप न सिर्फ एक्सीडेंट से बच सकते हैं बल्कि ड्राइविंग स्किल्स को भी ठीक कर सकते हैं।