2030 दशक के मध्य तक नई पेट्रोल कारों की बिक्री पर प्रतिबंध, जापान सरकार ले सकती है फैसला

जापान में 2030 दशक के मध्य में पेट्रोल वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध संभव।

अक्टूबर में जापान के प्रधानमंत्री योशीहाइड सुगा ने लिया था इसका संकल्प।

2050 तक शुद्ध रूप से कार्बन उत्सर्जन को शून्य कर देने की है योजना।

<p>Ban on sale of new petrol vehicles in Mid 2030s possible in Japan </p>
नई दिल्ली। 2030 दशक के मध्य तक हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक वाहनों को लाने के लिए जापान नई पेट्रोल इंजन कारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा सकता है। पब्लिक ब्रॉडकास्टर्स एनएचके ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इसे उन अन्य मुल्कों के लिहाज से लागू किया जा रहा है जो पारंपरिक जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों पर की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाले हैं।
कार चालकों के लिए काम की वो 7 बातें, जिन्हें हमेशा करेंगे फॉलो तो हर सफर रहेगा सुहाना

यह कदम अक्टूबर में जापान के लिए प्रधानमंत्री योशीहाइड सुगा के उस संकल्प के अंतर्गत है, जिसमें 2050 तक शुद्ध रूप से कार्बन उत्सर्जन को शून्य कर देने की घोषणा की गई थी। साथ ही इसने देश को दूसरा G7 राष्ट्र बना दिया है, जिसने दो सप्ताह के भीतर पेट्रोल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की समय सीमा तय की है।
सरकार के मुख्य प्रवक्ता कात्सुनोबु काटो ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि जापान का उद्योग मंत्रालय साल के अंत तक एक योजना तैयार करेगा।

कम कार्बन उत्सर्जन के लिए देश के हस्तक्षेप की संभावना इलेक्ट्रिक कार और हाइब्रिड पेट्रोल-इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए कार निर्माताओं के बीच एक तकनीकी दौड़ को बढ़ावा दे रही है जो ड्राइवरों को लुभाएगी क्योंकि वे पेट्रोल मॉडल से इनमें स्विच करते हैं। विशेष रूप से दुनिया के दो सबसे बड़े ऑटो बाजारों यानी चीन और अमेरिका में।
जापान में इसके लिए पहले से उपाय मौजूद हैं। इसका मतलब है जापानी वाहन निर्माता, विशेष रूप से टोयोटा मोटर कॉर्प ज्यादा रिसर्च और डेवलपमेंट रिसोर्सेज से इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सकती हैं जो वे पहले से ही वहां विकसित कर चुके हैं।
निसान मोटर कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर अश्विनी गुप्ता ने पिछले महीने कहा था कि उनकी कंपनी नई पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारों और वैन के लिए फेज-आउट की तारीख पांच साल आगे, 2030 तक बढ़ाने के ब्रिटेन के फैसले का जवाब देने के लिए तैयार है क्योंकि यह एक वैश्विक प्रवृत्ति का हिस्सा है।
जापान का उद्योग मंत्रालय हाइब्रिड वाहनों सहित सभी नए वाहनों को इलेक्ट्रिक करने की आवश्यकता पर विचार कर रहा है और मंत्रालय को साल के अंत में विशेषज्ञ-पैनल बहस के बाद एक औपचारिक लक्ष्य को अंतिम रूप देना होगा।
जापानी वाहन निर्माता अब इस बात पर चुप हैं कि उन उपायों का उनके व्यवसायों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। टोयोटा, होंडा मोटर कंपनी, निसान और उसके सहयोगी भागीदार मित्सुबिशी मोटर्स कॉर्प ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप ने बैटरी चालित कारों के लिए संभावनाओं पर एक रिपोर्ट में कहा कि जापान में 2030 में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की हिस्सेदारी 55 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है। वैश्विक स्तर पर रिपोर्ट में कहा गया है, “इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी के विस्तार की गति इस तथ्य के कारण तेज होगी कि बैटरी की कीमतें पहले की अपेक्षा अधिक तेजी से गिर रही हैं।”
जापान, चीन और दक्षिण कोरिया ने हाल ही में कार्बन के शुद्ध उत्सर्जन को समाप्त करने के लिए कठिन लक्ष्य की घोषणा की है। वहीं, ब्रिटेन के अलावा, संयुक्त राज्य अमरीका और कनाडा, नॉर्वे और जर्मनी के कुछ हिस्सों में पेट्रोल-डीजल कारों पर अंकुश लगाने की योजना है। यूरोपीय संघ को इस महीने की शुरुआत में भविष्य के प्रतिबंधों पर निर्णय लेने की उम्मीद है।

अमित कुमार बाजपेयी

पत्रकारिता में एक दशक से ज्यादा का अनुभव. ऑनलाइन और ऑफलाइन कारोबार, गैज़ेट वर्ल्ड, डिजिटल टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, एजुकेशन पर पैनी नज़र रखते हैं. ग्रेटर नोएडा में हुई फार्मूला वन रेसिंग को लगातार दो साल कवर किया. एक्सपो मार्ट की शुरुआत से लेकर वहां होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों-संगोष्ठियों की रिपोर्टिंग.

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.