रिसर्जेंट राजस्थान में शिरकत कर रहे देश-दुनिया के औद्योगिक घराने सरकार के विजन को समझना चाहते हैं। राज्य में निवेश के लिहाज से उद्योगपतियों को सरकार से भी कई तरह की उम्मीदें हैं। $ मनीपाल ग्लोबल के चेयरमैन मोहनदास पई से ‘पत्रिका‘ ने राजस्थान में निवेश को लेकर की बातचीत। स्वास्थ्य सेवाओं में राजस्थान सरकार से क्या उम्मीदें हैं? सरकार के पास अगर परियोजनाओं के विभिन्न अवसर होंगे तो निवेशकों को भी राजस्थान में अपने किसी भी प्रोजेक्ट का एक बेहतरीन मौका मिलेगा। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को और भी बेहतर किया जा सकता है। बशर्ते राज्य सरकार की ओर से निवेशकों की अड़चनें दूर की जानी चाहिए। रिसर्जेंट राजस्थान को लेकर आपका क्या दृष्टिकोण है? इसमें शामिल होने से हमें यहां के बाजार को समझने का मौका मिलेगा और निवेशकों का भी विजन क्लीयर हो जाएगा कि उन्हें राजस्थान की बाजार से क्या मिलने वाला है। सरकार की ओर से यहां निवेश करने वालों के लिए एक सिंगल विंडो की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि उद्योगपतियों को बार-बार चक्कर काटने की जरूरत न पड़े। क्या हैल्थकेयर में पीपीपी सही है? जी, बिल्कुल। वर्तमान में हैल्थकेयर में कई आधुनिक तकनीकें आ रही हैं जो काफी महंगी हैं और इनका मेंटेनेंस सरकारी स्तर पर संभव नहीं हो सकता है। सरकार के पास विशेषज्ञ सेवाओं के लिए पर्याप्त मानव संसाधन भी नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि इन्हें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर चलाया जाए। सरकार यह सुनिश्चत जरूर करे कि आम आदमी को उपचार उचित दरों पर मिले। चिकित्सा में निजी कंपनियां कैसे आकर्षित होंगी? सरकार को निजी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अच्छी नीति, अच्छे प्रोजेक्ट्स बनाए और इनकी मार्केटिंग को लेकर जन हितैषी नीति तैयार करे। स्वास्थ्य सेवाओं की राजस्थान में सबसे बड़ी चुनौती? मौजूदा दौर में खुद को साबित करने के लिए मार्केटिंग का बड़ा रोल रहता है, जिसमें राजस्थान सरकार अन्य राज्यों से अभी पीछे है। मल्टी स्पेशियलिटी में राजस्थान कहां आगे बढ़ सकता है? आजकल सभी क्षेत्रों में मल्टी स्पेशियलिटी का ही जमाना है। इसलिए राजस्थान सरकार को भी इसी पर ध्यान देना चाहिए ताकि राज्य का विकास हो सके और इससे लोगों को रोजगार भी मुहैया हो सकेगा।