यह भी पढ़े – Reliance AGM 2021: मुकेश अंबानी का दावा, Jio भारत को 2G मुक्त और 5G युक्त बनाएगी प्लास्टिक बोतलों की रिसाइक्लिंग की क्षमता बढ़ाने के लिए प्लांट रिलायंस इंडस्ट्रीज़ से मिली जानकारी के मुताबिक कंपनी के इस काम के लिए प्लास्टिक रिसाइक्लिंग और कचरा प्रबंधन कंपनी श्रीचक्र इकोटेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Srichakra Ecotex India Pvt. Ltd.) आंध्र प्रदेश में प्लास्टिक रिसाइक्लिंग के लिए एक नया प्लांट लगाएगी। यह प्लांट खासतौर पर रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के लिए काम करेगा।
PET बोतलों की रिसाइक्लिंग करके उन्हें PSF में बदला जाएगा रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के लिए आंध्र प्रदेश में श्रीचक्र इकोटेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के लगने वाले नए प्लास्टिक रिसाइक्लिंग प्लांट में प्लास्टिक की पैट बोतलों (PET Bottles) को रिसाइकिल किया जाएगा। इन बोतलों को रिसाइक्लिंग प्रोसेस से पॉलिएस्टर स्टेपल फाइबर (PSF) में बदला जाएगा। श्रीचक्र इकोटेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के लिए लगने वाले इस नए प्लास्टिक रिसाइक्लिंग प्लांट में PSF- रेक्राॅन ग्रीनगोल्ड (Recron GreenGold) और पैट फ्लेक्स (PET Flakes) की वाॅश-लाइन का इस्तेमाल किया जाएगा। कंपनी Recron ब्रांड नाम से रूई जैसा फाइबर तैयार करती है। यह फाइबर तकियों, गद्दों आदि में भरने में इस्तेमाल होता है। कंपनी की योजना के अनुसार पैट बोतलों को रिसाइकिल करने की क्षमता को बढ़ाकर दोगुने से भी ज्यादा करना है। इस पूरी प्रोसेस का लक्ष्य करीब 500 करोड़ पैट बोतलों को रिसाइकिल करना है।
यह भी पढ़े – Subway की भारतीय फ्रेंचाइजी खरीद रेस्टोरेंट बिजनेस में कदम रखेंगे मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के इस कदम का पर्यावरण पर परिणाम रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के प्लास्टिक बोतलों की रिसाइक्लिंग के इस काम से भारत में लोगों के इस्तेमाल करने के बाद 90% से भी ज्यादा प्लास्टिक पैट बोतलों की रिसाइक्लिंग सम्भव होगी। इससे प्लास्टिक को कचरे में ना फेंकते हुए उसकी रिसाइक्लिंग होने से पर्यावरण प्रदूषण कम होगा। रिसाइक्लिंग की वजह से प्लास्टिक को कचरे में जलाया नहीं जाएगा, ना ही नदियों और तालाबों में बहाया जाएगा। इससे हवा और पानी भी साफ और शुद्ध रहेंगे।
रोज़गार के नए अवसर रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के इस कदम से आंध्र प्रदेश में श्रीचक्र इकोटेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के लगने वाले नए प्लास्टिक रिसाइक्लिंग प्लांट में लोगों को नौकरी मिलेंगी जिससे रोजगार बढ़ेगा। साथ ही कंपनी के इस कदम से अन्य कंपनियां भी प्रभावित हो सकती हैं। ऐसे में पर्यावरण तो बचेगा ही, साथ ही रोज़गार के नए अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा।