यह होगा फायदा
वर्तमान में बहुत से यूजर अपने इलेक्ट्रिसिटी, पानी, मोबाइल, ब्रॉडबैंड, डिश कनेक्शन आदि के बिलों को ऑटो पेमेंट मोड पर सेट रखते हैं। इसमें यह होता है कि जैसे ही बिल भरने की तिथि आती है, डेबिट या क्रेडिट कार्ड से अपने आप पैसा कट कर बिल में जमा हो जाता है। इसके लिए ग्राहकों को केवल एक बार अपनी अनुमति देनी होती है, उसके बाद हर महीने पैसा अपने आप कटता जाता है। परन्तु अब ऐसा नहीं होगा। हर महीने बिल जमा होने से पहले ग्राहकों की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा ताकि यूजर को किसी भी तरह की फाइनेंशियल धोखाधड़ी से बचाया जा सकें।
वर्तमान में बहुत से यूजर अपने इलेक्ट्रिसिटी, पानी, मोबाइल, ब्रॉडबैंड, डिश कनेक्शन आदि के बिलों को ऑटो पेमेंट मोड पर सेट रखते हैं। इसमें यह होता है कि जैसे ही बिल भरने की तिथि आती है, डेबिट या क्रेडिट कार्ड से अपने आप पैसा कट कर बिल में जमा हो जाता है। इसके लिए ग्राहकों को केवल एक बार अपनी अनुमति देनी होती है, उसके बाद हर महीने पैसा अपने आप कटता जाता है। परन्तु अब ऐसा नहीं होगा। हर महीने बिल जमा होने से पहले ग्राहकों की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा ताकि यूजर को किसी भी तरह की फाइनेंशियल धोखाधड़ी से बचाया जा सकें।
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ऐसे करेगा कामअब एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन फीचर लागू होने के बाद ऑटो डेबिट काम करना बंद नहीं करेगा परन्तु हर बार ग्राहक की सहमति लेनी होगी तभी पैसा कटेगा। यदि बिल पांच हजार रुपए से ज्यादा है तो क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के जरिए सीवीवी और ओटीपी डालकर ही पेमेंट किया जा सकेगा। यानि अब पांच हजार से अधिक की राशि के लेनदेन पर ओटीपी आएगा।
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बैंक लोन, ईएमआई तथा म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट पर नहीं होगा प्रभावीरिजर्व बैंक का नया बदलाव केवल डेबिट और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से सेट किए गए ऑटो डेबिट पेमेंट पर ही लागू होगा। यदि आपने बैंक से कोई लोन (जैसे होम लोन, पर्सनल लोन या ऑटो लोन) लिया है तो उस पर यह नया नियम लागू नहीं होगा। इसी तरह हर महीने जाने वाली ईएमआई, म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट पर भी इसका कोई असर नहीं होगा।