हालात सुधारने को रियल एस्टेट को 15 लाख करोड़ के पैकेज की दरकार, लॉकडाउन में छूट की भी मांग

नेशनल रियल एस्टेट डिवेलपमेंट काउंसिल (NAREDCO) ने सरकार से 200 बिलियन डॉलर के राहत पैकेज की मांग की है । इसके अलावा कांउसिल सेक्टर के लोगों के हितों के लिए कई और सुझाव भी दिये हैं।

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नई दिल्ली: कोरोना की वजह से सब घरों में रहने को मंजूर हैं और अर्थव्यवस्था भी पूरी तरह से ठप्प पड़ चुकी है। और अब जबकि इस सबको लगभग 1 महीना होने को है तो लोग इससे बाहर निकलने के रास्ते ढूंढ रहे हैं। रियल स्टेट भी इनमें से एक है। नेशनल रियल इस्टेट डिवेलपमेंट काउंसिल (NAREDCO) ने केंद्र सरकार से इस महामारी के आर्थिक प्रकोप से निपटने के लिए रियल एस्टेट सेक्टर के लिए 200 बिलियन डॉलर यानी करीब 15 लाख करोड़ रुपए का राहत पैकेज की मांग की है। इसके साथ ही काउंसिल ने कंस्ट्रक्शन साइट्स पर लॉकडाउन के दौरान ही आंशिक रूप से छूट देने की मांग की है ताकि इस सेक्टर में काम करने वालों की नौकरियों को बचाया जा सके।

नरेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी का कहना है कि कमर्शियल रियल एस्टेट सौदों में वेट एंड वॉच की स्थिति पैदा हो गई है। इस सेक्टर के लिए सरकार को अलग से लोन रीपेमेंट को री-शेड्यूल करने, कर्ज को पुनर्गठित करने के लिए वन टाइम रोलओवर और ब्याज दरों में कटौती जैसे उपाय करने की जरूरत है ।

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केसों के निलंबन की उठ रही है मांग-

आर्थिक हालात को देखते हुए काउंसिल ने सरकार से नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में रियल एस्टेट से जुड़े सभी मुकदमों को कम से कम 6 महीने के लिए निलंबित करने की मांग की है। बयान में कहा गया है कि जॉब लॉस और लाखों कंस्ट्रक्शन वर्कर्स की आमदनी के लिए ऐसा करना जरूरी है।

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