मुकेश अंबानी ने बेचा अपना सपना, 2021 में करेंगे ये बड़ा काम

खबरें हैं कि उद्योगपति मुकेश अंबानी रिलायंस के तेल एवं पेट्रोकेमिकल कारोबार में भी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहे हैं। नए साल यानी 2021 में कंपनी की सबसे पहली प्राथमिकता 5जी है….

नई दिल्ली। देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) अब रिलायंस (Reliance) को टेक्नोलॉजी और ई-कॉमर्स कंपनी में बदलना चाहते हैं। खबरें हैं कि वह रिलायंस के तेल एवं पेट्रोकेमिकल कारोबार में भी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहे हैं। कल से शुरू हो रहे नए साल यानी 2021 में कंपनी की सबसे पहली प्राथमिकता 5जी है। इसके साथ ही वह फेसबुक की वॉट्सऐप पेमेंट्स सर्विस को रिलायंस के डिजिटल प्लेटफॉर्म से और ई-कॉमर्स कारोबार को फिजिटल स्टोर्स के साथ जोड़ना चाहते हैं। उनकी रिलायंस के तेल एवं पेट्रोकेमिकल कारोबार में भी हिस्सेदारी बेचने की योजना है।

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तीन महीने में 40 फीसदी गिरे शेयर
बता दें कि मुकेश अंबानी की हर योजना पर निवेशकों की नजर रहती हैं। वह अपने तेल एवं पेट्रोकेमिकल कारोबार में 20 फीसदी हिस्सा सऊदी अरब की कंपनी को बेचना चाहते थे, जिसकी घोषणा 2020, अगस्त में की गई थी। लेकिन अचानक से दोनों कंपनियों के बीच बातचीत रूक गई और इसी के चलते पिछले 3 महीने में रिलायंस के शेयर में 40 फीसदी गिरावट आने अनुमान लगाया जा रहा है।

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2021 में होगी 5जी वायरलेस नेटवर्क की शुरुआत
जुलाई में रिलायंस की एजीएम में अंबानी और उनके बच्चों ईशा और आकाश ने जियो और 5जी प्रोडक्ट की आगे की योजनाओं के बारे में निवेशकों को पूरी डिटेल बताई थी। उन्होंने बताया कि था कंपनी 2021 में 5जी वायरलेस नेटवर्क और एक वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म की शुरुआत करने की योजना बना रही है। रिलायंस की डिजिटल यूनिट जियो प्लेफॉर्म लिमिटेड देश के लाखों कारोबारियों के लिए टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन और ऐप विकसित करेगी।

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कब अपना सपना पूरा करेंगे अंबानी
इस साल रिलायंस का शेयर 55 फीसदी उछलकर सितंबर में रेकॉर्ड पर पहुंच गया था, लेकिन इसके बाद इसमें गिरावट आई है। स्टेकहोल्डर्स इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि अंबानी अपने सपने को कैसे पूरा करते हैं। अंबानी ने फेसबुक जैसे नए निवेशकों के साथ अपनी पार्टनरशिप को हाथोंहाथ लिया है। लेकिन मूल रूप से यह उनका वैकल्पिक प्लान था। असल में तो वह अपने तेल एवं पेट्रोकेमिकल कारोबार में 20 फीसदी हिस्सा सऊदी अरब की कंपनी को बेचना चाहते थे। इसकी घोषणा अगस्त 2019 में हुई थी। लेकिन दोनों कंपनियों के बीच बातचीत रुक गई और रिलायंस के शेयर तीन महीने में 40 फीसदी गिर गए।

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