केन्द्रीय मंत्रियों अश्विनी वैष्णव तथा अनुराग ठाकुर ने प्रेस कांफ्रेंस में कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों को बकाया भुगतान में राहत देने के साथ-साथ गैर-दूरसंचार राजस्व को एजीआर से बाहर रखने का बड़ा फैसला किया है। हालांकि इस दौरान उन्हें ब्याज चुकाते रहना होगा। एजीआर वह लाइसेंस शुल्क है जो सेवा प्रदाता कंपनियां सरकार को देती हैं।
यह भी पढ़ें
सर्वे में बड़ा खुलासा, शहर में अमीरों और गरीबों के बीच बड़ा फासला
लंबे समय से हो रही थी मांगसभी गैर-दूरसंचार राजस्व को एजीआर से बाहर रखा गया है। इस पर लंबे समय से टेलीकॉम कंपनियों व सरकार के बीच विवाद था। स्पेक्ट्रम शुल्क को युक्तिसंगत बनाने का भी फैसला किया गया है। इससे भी कंपनियों को राहत मिलेगी।
टेलीकॉम कंपनियों को होंगे ये फायदे
रोजगार बढ़ेगा : रोजगार के नए अवसर पैदा करने, उपभोक्ताओं के हित रक्षा, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ाने, निवेश लाने में मदद, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को राहत मिलेगी।
रोजगार बढ़ेगा : रोजगार के नए अवसर पैदा करने, उपभोक्ताओं के हित रक्षा, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ाने, निवेश लाने में मदद, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को राहत मिलेगी।
यह भी पढ़ें
Arpita Ghosh Resignation: TMC सांसद अर्पिता घोष ने राज्यसभा से दिया इस्तीफा
कंपनियों को राहत : इस फैसले से वोडाफोन-आइडिया को लाभ होगा जो दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई है। एजीआर बकाया भुगतान के लिए चार साल की छूट मिलने का सीधा लाभ इन्हें मिलेगा। देना होगा ब्याज : फैसले में एजीआर बकाया पर चार वर्ष का मोरेटोरियम है। हालांकि इस दौरान सेवा प्रदाता कंपनियों को ब्याज भुगतान करना होगा। सुधरेगी आर्थिक सेहत : टेलीकॉम कंपनियों के लिए सौ फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी से सेवा प्रदाताओं को अपनी आर्थिक सेहत सुधारने का मौका मिलेगा। फिलहाल कंपनियां गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही हैं।
उपभोक्ताओं को हो सकते हैं ये 5 फायदे