कोरोना ने तोड़ी एयरलाइंस इंडस्ट्री की कमर, 200 से ज्यादा विमान खड़े होने पर मजबूर

स्पाइसजेट, गोएयर, विस्तारा जैसी एयरलाइंस ने इंटरनेशनल फ्लाइट्स को सस्पेंड कर दिया है। अब आलम ये है कि अलग-अलग एयरलाइंस कंपनियों के 200 से ज्यादा विमान जमीन पर बेकार खड़े है।

<p>corona impact on airline</p>

नई दिल्ली: कोरोना वायरस की त्रासदी की खबरें अब रोज की बात हो गई हैं। लेकिन हर बीतते दिन के साथ ये तस्वीर और भयावह होती जा रही है। ये तो हम सभी जानते हैं कि COVID-19 या कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर के कई देशों ने अपने नागरिकों को बाहरी देशों की यात्रा करने से मना कर दिया है । नतीजा स्पाइसजेट, गोएयर, विस्तारा जैसी एयरलाइंस ने इंटरनेशनल फ्लाइट्स को सस्पेंड कर दिया है। अब आलम ये है कि कोरोना वायरस की वजह से इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर रोक लगी है तो डोमेस्टिक पैसेंजर्स की संख्या बुरी तरह से कम हुई जिसके चलते सिर्फ भारत में ही अलग-अलग एयरलाइंस कंपनियों के 200 से ज्यादा विमान जमीन पर बेकार खड़े है।

50 फीसदी कारोबार चढ़ा कोरोना की भेंट-

स्पष्ट शब्दों में कहें तो प्राइवेट प्राइवेट जेट कंपनियों का तकरीबन 50 प्रतिशत कारोबार खत्म हो चुका है। अगर यही हालात रहे तो कुछ ही दिनों में कई एयरलाइंस कंपनियों पर ताला लगने की नौबत आ जाएगी। वैसे भी अगर आपको याद हो तो CAPA ने कुछ दिनों पहले ही कहा था कि सरकारी मदद न मिलने की सूरत में कोरोना की वजह से मई तक एयरलाइंस इंडस्ट्री दिवालिया हो जाएगी । नीचे दिये चार्ट में आप अलग-अलग एयरलाइंस कंपनियों के ग्राउंडेड विमानों की संख्या देख सकते हैं।

अभी और होगी कमी- एयरलाइंस इंजस्ट्री पर आया ये संकट अभी और गहरा होगा क्योंकि इंटरनेशनल ही नहीं बल्कि राज्य सरकारे भी अब फ्लाइट्स रोकने की बात करने लगी है। वेस्ट बंगाल मुख्यमंत्री ममतता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर उनसे बंगाल में आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगाने की मांग की है।

ATF में कमी से नहीं कोई रोमांचित-

एविएशन इंजस्ट्री की कमर इस कदर टूट चुकी है कि ATF में 12 फीसदी की गिरावट के बावजूद इंडस्ट्री के लोगों में किसी तरह की खुशी नहीं है क्योंकि उनके पास एयरलाइंस में ले जाने के लिए लोग ही नहीं हैं। अगली तिमाही तक एविएशन इंडस्ट्री को कुछ 8200 करोड़ का नुकसान हो सकता है।

सरकार से है मदद की उम्मीद- कोरोना वायरस से परेशान एविएशन इंडस्ट्री के लोग सरकार से मदद की उम्मीद कर रहे हैं। कारोबार को बचाये रखने के लिए भी सरकार से पैकेज की जरूरत है। उनका कहना है कि अगर सरकार ने जल्द कुछ नहीं किया तो अप्रैल के खत्म होने के साथ ही एयरलाइंस कंपनियों का अंत भी शुरू हो जाएगा।

कंपनियों ने वेतन कटौती का किया ऐलान-

कोरोना से कुछ कितना नुकसान हुआ ये अभी कहना जल्दबाजी होगी लेकिन कंपनियों को ये जरूर पता है कि उन्हें अपने रीसोर्सेज संभालकर इस्तेमाल करने होंगे । यही वजह है कि एयरइंडिया और इंडिगो ने कर्मचारियों के वेतन में कटौती का ऐलान कर दिया है। अप्रैल से कर्मचारियों को वेतन कम करके दिया जाएगा।

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