नई दिल्ली। रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने कहा है कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) आधुनिक रिटेल उद्योग के लिए बहुत मददगार साबित हुआ है और देश में संगठित रिटेल कारोबार को इससे गति मिली है। आरएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुमार राजगोपालन ने गुरुवार को एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि नोटबंदी के बाद देश में छोटे बड़े या व्यक्तिगत स्तर पर आधुनिक रिटेल कारोबार में तेजी से बढोतरी हुई क्योंकि यहां भुगतान के कई विकल्प लोगों को मिले। इसके साथ ही जीएसटी ने पूरे देश को एक बाजार बना दिया और अब किसी भी राज्य में उत्पादित कोई भी वस्तु बगैर किसी रोकटोक के एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाए जा सकते हैं। इससे कारोबारियों को विशेषकर आधुनिक रिटेलरों को अधिक लाभ हुआ है।
उन्होंने कहा कि आज के उपभोक्ता खरीदारी के दौरान बड़ी उम्मीदें रखते हैं। ऑनलाइन या ऑफलाअन शॉपिंग के दौरान वे बेहतरीन अनुभव पाना चाहते हैं। उपभोक्ताओं की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए इनोवेशन, डिजिटल और डिजाइन के संयोजन की आवश्यकता है और आधुनिक रिटेलर इन सभी को अपनाते हुए कारोबार कर रहे हैं जिससे न सिर्फ देश में संगठित रिटेल कारोबार बढ़ रहा है बल्कि उपभोक्ता भी इसे पंसद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी भी देश में रिटेल कारोबार पर असंगठित क्षेत्र का दबदबा है, लेकिन धीरे धीरे संगठित क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ रही है और चालू वित्त वर्ष में संगठित रिटेल कारोबार के ढाई लाख करोड़ रुपए पर पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि भारतीय रिटेल उद्योग ने जिस गति से डिजिटलीकरण और इन्नोवेशन को अपनाया है वह काबिलेतारीफ है।