निवेश से पहले इन बातों का रखें खयाल
रियल एस्टेट में निवेश करने वाले निवेशकों को इंवेस्टमेंट होराइजन- यानी खरीदारी और दोबारा बेचने के बीच की अवधि का निर्धारण कर लेना चाहिए।
निवेश की अनुमानित अवधि तक संभावित रेंटल इनकम और प्रॉपर्टी की बिक्री से प्राप्त होने वाली रकम का भी अनुमान लगाया जाना चाहिए।
प्रॉपर्टी खरीदने वाले को हमेशा सही प्रॉपर्टी पर फोकस करना चाहिए। इसका मतलब यह है कि प्रॉपर्टी की खासियत व गुणवत्ता, उसकी लोकेशन व इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देना चाहिए।
रियल एस्टेट में निवेश करने वाले निवेशकों को इंवेस्टमेंट होराइजन- यानी खरीदारी और दोबारा बेचने के बीच की अवधि का निर्धारण कर लेना चाहिए।
निवेश की अनुमानित अवधि तक संभावित रेंटल इनकम और प्रॉपर्टी की बिक्री से प्राप्त होने वाली रकम का भी अनुमान लगाया जाना चाहिए।
प्रॉपर्टी खरीदने वाले को हमेशा सही प्रॉपर्टी पर फोकस करना चाहिए। इसका मतलब यह है कि प्रॉपर्टी की खासियत व गुणवत्ता, उसकी लोकेशन व इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देना चाहिए।
धैर्य रखें, नुकसान नहीं होगा
रियलएस्टेट एक लंबी अवधि का निवेश क्षेत्र है। यदि आप यह सोचते हैं कि आज खरीदकर, कल उसे बेचकर अमीर बन जाओगे, तो यह आपकी सबसे बड़ी भूल होगी। हम आपको बता दें कि रियल एस्टेट में आपको तभी मुनाफा मिल सकता है, जब आप किसी संपत्ति में कम से कम 3-5 सालों के लिए निवेश करते हैं। अगर आप रियल एस्टेट में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको रियल एस्टेट बाजार की खासियतों और बुराइयों से पूरी तरह परिचित होना होगा, साथ ही यह भी जानना होगा कि फायदे का सबसे उपयुक्त समय कब आता है, ताकि प्रॉपर्टी बेच कर मुनाफा कमाया जाए।
रियलएस्टेट एक लंबी अवधि का निवेश क्षेत्र है। यदि आप यह सोचते हैं कि आज खरीदकर, कल उसे बेचकर अमीर बन जाओगे, तो यह आपकी सबसे बड़ी भूल होगी। हम आपको बता दें कि रियल एस्टेट में आपको तभी मुनाफा मिल सकता है, जब आप किसी संपत्ति में कम से कम 3-5 सालों के लिए निवेश करते हैं। अगर आप रियल एस्टेट में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको रियल एस्टेट बाजार की खासियतों और बुराइयों से पूरी तरह परिचित होना होगा, साथ ही यह भी जानना होगा कि फायदे का सबसे उपयुक्त समय कब आता है, ताकि प्रॉपर्टी बेच कर मुनाफा कमाया जाए।