पहली दफा खरीदने जा रहे हैं घर तो इस तरह परखें जोखिम

राकेश यादव, सीएमडी, अंतरिक्ष इंडिया ग्रुप

रियल एस्‍टेट में हद तक पारदर्शिता आ गई है, फिर भी कई ऐसे पहलू हैं जहां पर सावधानी नहीं बरतने पर नुकसान का खतरा बढ़ जाता है। आज मैं आपको रियल एस्‍टेट में जोखिम परखने के बिंदुओं पर जानकारी दे रहा हूं। आप इन प्‍वाइंट्स को अमल में लाकर सही फैसला ले सकते हैं।
सुरक्षा का पैमाना
रियल एस्‍टेट में निवेश करना कितना सुरक्षित है? रियल एस्‍टेट में सुरक्षा को एक नए नजरिए से देखने की आवश्यकता है। कोई भी प्रापर्टी अक्सर कहीं गुम नहीं होता है। तो इस नजरिए से रियल एस्‍टेट काफी सुरक्षित निवेश होता है, लेकिन अगर हमको अच्छी तरह जोखिम समझना है तो इसे काफी बारीकी से देखना और समझना होगा। रियल एस्‍टेट में निवेश करने में सुरक्षा की दृष्टि से निम्न प्रकार का जोखिम है।
प्रोजेक्ट पूरा होने का समय
अक्सर यह शिकायत होती है कि प्रोजेक्‍ट का काम समय पर पूरा नहीं होता है। कई दफा प्रोजेक्ट की डिलीवरी अक्सर महीनों और सालों तक अटक जाती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण होता है पारदर्शिता का अभाव। आप निवेश से पहले यह जरूर पता करें कि डेवलपर्स का ट्रैक रिकॉर्ड प्रोजेक्‍ट पूरा करने में कैसा है।
फ्रॉड होने का डर
रियल एस्‍टेट सेक्‍टर भी फ्रॉड से परे नहीं है। एजेंट/ डेवलपर का एडवांस लेकर भाग जाना, एक प्रॉपर्टी को कई लोगों को बेच देना, कागजात में गड़बड़ी जैसे कई तरह के फ्रॉड रियल इस्टेट से जुड़े हैं तथा अक्सर होते रहते हैं।
तरलता
अगर, प्रॉपर्टी को बेचना है तो यह समय लेने वाला मामला है। भी -कभी तो आपको सामने से चलकर ऑफर आता है और कई बार आपके लाखों प्रयास के बावजूद भी आपका प्रॉपर्टी नहीं बिक पाता है।
रिटर्न को लेकर संशय
अक्सर लोगों से यह सुना जाता है कि मैने इस जगह निवेश किया और मेरा पैसा दोगुना, चार गुना या दस गुना हो गया। रियल एस्‍टेटमें रिटर्न एक जगह के मुकाबले दूसरी जगह से काफी अलग होता है, जो आपको पिछले सालों में रिटर्न छूटा है, वह जरूरी नहीं कि आनेवाले सालों में आएगा। रियल इस्टेट में रिटर्न अक्सर आर्थिक गतिविधियों से आता है। इसलिए प्रॉपर्टी में निवेश करें तो इन बातों पर ध्यान दें और उससे जुड़े हुए जोखिम कम करने की कोशिश करें।
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