देरी से शुरू हुआ अभियान अतिक्रमण हटाने का अभियान निर्धारित समय से करीब डेढ़ घंटा देरी से शूरू हुआ। डेडानसर स्थित माली समाज के भवन के पास से परिषद के दल ने अतिक्रमण और कब्जे हटाने का आगाज दुकानों के आगे लगे टिन शेड तथा सडक़ पर बनाई चौकियों व सीढिय़ों के पत्थर उखाडऩे से किया। उसी दिशा पर आगे बढ़ते हुए दल ने अचलवंशी कॉलोनी के एक भाग तथा डेडानसर मार्ग पर भी जेसीबी का पीला पंजा खूब चलाया। कई जगहों पर परिषद के दल को देखकर लोगों ने स्वत: छप्पर आदि खोलने शुरू कर दिए। ऐसा करने वालों को मोहलत दी गई। बीच में एक-दो जगहों पर रसूखदार लोगों पर रियायत बरतते हुए दल आगे बढ़ा। जिस पर कुछ जनों ने आपत्ति भी जाहिर की, लेकिन उनकी आवाज सुनी ही नहीं गई। परिषद के दल में सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता और अन्य कार्मिकों के अलावा एक दर्जन से ज्यादा सफाईकर्मी, 2 जेसीबी मशीनें व जब्तशुदा सामान को ढोने के लिए ट्रेक्टर-ट्रोली को सम्मिलित किया गया। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिसकर्मी भी दल के साथ-साथ चल रहे थे।
कल होगी असल ‘परीक्षा’ डेडानसर मैदान से लेकर गीता आश्रम मार्ग तक व उसके आसपास सोमवार को परिषद का अतिक्रमण हटाओ अभियान आसानी से निपट गया लेकिन बुधवार को दल की वास्तविक परीक्षा होगी। उस दिन हनुमान चौराहा और उससे होते हुए पुराने ग्रामीण बस स्टेंड के प्रभावशाली लोगों की ओर से किए गए कब्जों को हटाने की चुनौती दल के सामने होगी। दल में शामिल कार्मिकों ने भी माना कि, अभियान आगे तक चलेगा या यहीं पर सिमट जाएगा, इसका निर्णय बुधवार को होगा। हनुमान चौराहा व ग्रामीण बस स्टेण्ड क्षेत्र में दर्जनों दुकानों के बाहर टिन शेड लगे हैं तो सडक़ों पर सामान रखा हुआ है। कुछ बड़े आकार के पक्के कब्जे भी हैं।
आमजन कर रहा स्वागत नगरपरिषद की ओर से लम्बी अवधि के बाद स्वर्णनगरी में अतिक्रमण हटाने के लिए चलाए जा रहे अभियान का आम शहरी स्वागत कर रहा है। उनका कहना है कि, सार्वजनिक स्थलों तथा रास्तों पर किसी भी तरह के अवैध कब्जों को हटाने के लिए बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई की जानी चाहिए। यही कारण है कि, पहले दिन अनेक दुकानदारों ने स्वत:अपने टिन षेड वगैरह खोल लिए तथा जिनका नुकसान हुआ, वे भी षांति के साथ खड़े दिखाई दिए।