साढ़े तीन इंज बारिश से तालाब बन गइ सड़के, ताप्ती का जलस्तर बढ़ा, फसलों नुकसान

– जिले में औसत बारिश का आंकड़ा पूरा- ज्वार, कपास पर भी असर

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बुरहानपुर. मौसम में आए परिवर्तन के चलते मानसून की वापसी ने जिले को तरबतर कर दिया। 19 घंटे के अंदर साढ़े तीन इंज बारिश होने से नदी, नाले उफान पर बह निकले। शनवारा चौराहे पर जलभराव होने से 30 मिनट तक हाइवे बंद रहा।जिले में औसत बारिश का टारगेट भी पूरा हो गया, लेकिन बारिश से खेतों में तैयार मक्का, सोयाबीन, कपास और ज्वार फसलों को नुकसान पहुंचाया है। किसानों ने खेतों में काट कर रखी मक्का फसल पूरी तरह भीग गई है।
शहर में शनिवार शाम 7 बजे शुरू हुइ बारिश रविवार दोपहर 2 बजे तक रूक-रूककर जारी रही।सुबह से ही झमाझम बारिश होने से ताप्ती नदी और पांडारोल नाले का जलस्तर बढ़ा गया। शनवारा चौराहे पर एक घंटे तक तीन फीट से अधिक पानी भरा होने से इंदौर इच्छापुर हाइवे के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार देखने को मिली।ताप्ती जल आयोग के अनुसार सितंबर माह के बाद अब तक के सबसे अधिक तेज बारिश हुई है।शहरभर में साढ़े तीन इंज बारिश दर्ज की गई।सुबह 4 बजे से ताप्ती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शाम 6 बजे तक ताप्ती का जलस्तर खतरे के निशान के नीचे यानी 217.400 मीटर तक पहुंच गया था। जलस्तर बढऩे से राजघाट सहित अधिकांश घाटों की आधी सीढिय़ों डूब गई थी।
खेतों में भरा पानी, फसलों को नुकसान
अचानक बारिश के चलते खेतों में तैयार सोयाबीन, मक्का, ज्वार और कपास की फसलों को नुकसान होंगा।तेज बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया। कुछ खेतों में घुटने तक बारिश का पानी और गाद जम जाने से किसानों को उपज निकालने में परेशानी होगी।खकनार क्षेत्र में कपास, मक्का, ज्वार फसलों को किसानों ने अपने खेतों में सूखाने के लिए रखा था, बारिश शुरू होने से फसलों की चमक पर असर होने के साथ ही नमी आने से भाव कम मिलने के कारण किसानों को नुकसान होगा।
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