वनवास के समय भगवान बुरहानपुर से गुजरे थे भगवान श्रीराम

– राम नवमी आज

<p>Lord Shri Ram passed through Burhanpur at the time of exile</p>

नर्मदानंद गिरी महाराज ने बताया कि मंदिर निर्माण को तो 500 साल हुए, लेकिन इसके पहले से यहां पर भगवान श्रीराम की चरण पादुकाओं का पूजन इस स्थली पर होता रहा। वनवास के समय ही भगवान श्रीराम, मां सीता और लक्षमण अयोध्या से होते हुए इस स्थली पर पहुंचरकर 24 घंटे के लिए ठहरे थे, सुबह यहां राजा दशरथ का श्राद्ध कर पिंडदान किया था। ऐसी किदवंती है कि तट पर स्थित भगवान शिव का मंदिर है, इस मंदिर में बालु रेत से जो शिवलिंग बनी है वह भगवान राम के हाथों से ही बनी है।


बुरहानपुर. राम नवमी का पर्वबुधवार को मनाया जाएगा। कोरोना के कारण फीका रहेगा। लेकिन पंडित मंदिर में जाकर पूजन कर सकेंगे। भक्तों को सोशल मीडिया के जरीए लाइव दर्शन दिए जाएंगे। विभिन्न मंदिरों में आरती कर प्रसादी का भोग लगाया जाएगा। नागझिरी घाट स्थित प्राचीन राम मंदिर जहां भगवान श्रीराम के चरण भी वनवास के समय पड़े थे, यहां भी मंदिर के भितर ही आयोजन होगा।
नागझिरी घाट पर प्राचीन श्री राम झरोखा मंदिर बना है। मंदिर के प्रमुख नर्मदानंद गिरी महाराज ने बताया कि रामनवमी पर यहां भी विशेष कार्यक्रम होंगे। लेकिन भक्तों की एंट्री नहीं रहेगी। नर्मदानंद गिरी महाराज ने बताया कि मंदिर निर्माण को तो 500 साल हुए, लेकिन इसके पहले से यहां पर भगवान श्रीराम की चरण पादुकाओं का पूजन इस स्थली पर होता रहा। वनवास के समय ही भगवान श्रीराम, मां सीता और लक्षमण अयोध्या से होते हुए इस स्थली पर पहुंचरकर 24 घंटे के लिए ठहरे थे, सुबह यहां राजा दशरथ का श्राद्ध कर पिंडदान किया था। ऐसी किदवंती है कि तट पर स्थित भगवान शिव का मंदिर है, इस मंदिर में बालु रेत से जो शिवलिंग बनी है वह भगवान राम के हाथों से ही बनी है।
भक्तों को लाइव दर्शन देंगे
सिलमपुरा स्थित श्री राधा वल्लभ मंदिर में भी श्रीराम नवमी का आयोजन होगा। शैलेंद्र मुखिया ने बताया कि आरती कर भगवान को भोग लगाएंगे। भक्तों को सोशल मीडिया के जरीए लाइव दर्शन देंगे। भक्तों को प्रवेश नहीं देंगे। कोरोना गाइडलाइन अनुसार पूजन होगा।

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