– कोरोना की लहर के बाद से बंद पड़ी योजनाएं
बुरहानपुर. कोरोना की पहली और दूसरी लहर विदा होने के बाद सब कुछअनलॉक हो गया, लेकिन सरकार की स्वरोजगार योजनाओं पर अब तक लॉकडाउन लगा है। प्रति वर्ष500 युवा इन योजनाओं में लाभ लेकर अपना रोजगार शुरू करते हैं, लेकिन दो साल से योजनाएं ठप पड़ी है।
एक तरफ सरकार कोरोना के बाद आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में लगी है, दूसरी तरफ अब तक योजनाओं का लॉक नहीं खुला है। ऐसे में बड़ी योजनाएं का लाभ युवाओं का नहीं मिल रहा है। उद्योग विभाग से इन योजनाओं का संचालन होता है, जो लंबे समय से बंद पड़ी है।
2 लाख से 2 करोड़ तक मिलता था ऋण
जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के माध्यम से शिक्षित बेरोजगार युवाओं को शासन की मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, स्वरोजगार योजना, कृषक उद्यमी योजना सहित प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत बैंकों के माध्यम से 10 लाख रुपए से लेकर 2 करोड़ तक का ऋ ण मुहैया कराया जाता है। दो साल से कोविड संक्रमण के चलते सरकारी योजनाएं शुरू नहीं की जा सकी। विभागीय अफसर का कहना है कि अभी यह योजनाएं शुरू नहीं हुई है। इसमें 5 से 35 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलने से बड़ी राहत मिलती थी।
केला और कपड़े पर मिल रहा लोन
एक जिला एक उत्पाद में सरकार केवल केले के फूडप्रोडक्ट बढ़ाने के लिए योजना का लाभ दे रही है। ताकि कोईबड़ी यूनिटजिले में शुरू हो सके। लेकिन इसमें युवाओं की रुचि कोई खास नजर नहीं आई। कपड़ा उत्पादन के लिए भी ऋण मिल रहा है, लेकिन इसका लाभ पहले से इस उद्योग से जुड़े लोग ही ले पा रहे हैं। मुद्रा लोन योजना और स्ट्रीट वेंडर के लिए जरूरी योजना चल रही है।