दुगारी बांध से सिंचाई के लिए पानी छोड़ा

उपखंड के दुगारी बांध से रविवार को नहर में पहला पानी छोड़ा गया। सुबह सवा दस बजे जल उपभोक्ता संगम के सदस्यों व किसानों की उपस्थिति में जल संसाधन विभाग द्वारा मोरी की पूजा के बाद नहर में जल प्रवाह किया।

<p>दुगारी बांध से सिंचाई के लिए पानी छोड़ा</p>

दुगारी बांध से सिंचाई के लिए पानी छोड़ा
नौ गांवों की 2250 हैक्टेयर भूमि को मिलेगा पानी
नैनवां. उपखंड के दुगारी बांध से रविवार को नहर में पहला पानी छोड़ा गया। सुबह सवा दस बजे जल उपभोक्ता संगम के सदस्यों व किसानों की उपस्थिति में जल संसाधन विभाग द्वारा मोरी की पूजा के बाद नहर में जल प्रवाह किया। जल संसाधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि नौ फीट भराव क्षमता वाले दुगारी बांध में 6 फीट से अधिक पानी होने से जल उपभोक्ता संंगम की 15 अक्टूबर की बैठक में सिंचाई के लिए पानी देने का निर्णय किया था। एक फीट पानी पेयजल के लिए आरक्षित रखा जाएगा। निर्णय के अनुसार रविवार को पहला पानी छोड़ा गया है, जो बीस दिन तक जारी रहेगा। पहले पानी के लिए बीस दिन तक नहर में पानी छोड़ा जाएगा। पहला पानी दिया जाने के बाद बीस दिन तक का क्लोजर रखा जाएगा। उसके बाद दूसरे पानी के लिए 15 दिन बाद नहर में पानी छोड़ा जाएगा। दूसरा पानी देने के बाद भी बांध में एक फीट से अधिक पानी बचे रहने पर फिर 15 दिन का क्लोजर रखने के बाद तीसरा पानी दिया जाएगा, जो बांध में एक फीट पानी रहने तक जारी रहेगा। बांध से नौ गांवों की दो हजार 250 हैक्टेयर भूमि सिंचित होती है। दुगारी, बांसी, हरिपुरा, लक्ष्मीपुरा, पांडुला, उरासी, डोडी व मैणा गांव के किसानों को सिंचाई का पानी उपलब्ध हो सकेगा। रविवार को पहला पानी छोड़ते ही किसानों ने खेतों का रेलना करने में जुट गए।
पिछले वर्ष का बचा पानी काम आया
मानूसन के दगा दे जाने से जल संसाधन विभाग के उपखंड में सभी बांध खाली पड़े हैं। दुगारी बांध में भी एक फीट पानी आ पाया था। पिछले वर्ष इतना पानी बचा रहा कि जो इस वर्ष सिंचाई के लिए उपयोगी बन गया। पिछले वर्ष का बचा पांच फीट पानी व इस वर्ष एक फीट पानी नया आ गया। जिससे बांध से सिंचित क्षेत्र को सिंचाई के लिए नहीं तरसना पड़ा।
सहायक अभियंता का कहना
जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता जम्बुकुमार जैन ने बताया कि रविवार को दुगारी बांध से नहर में पहला पानी छोड़ दिया है। पहला पानी बीस दिन तक दिया जाएगा।
बसोली बांध सूखा पड़ा
बरसात की कमी से नौ फीट भराव क्षमता वाले बसोली बांध में तो एक बूंद पानी नहीं आया। बरसात की कमी से मोतीपुरा व बटावदी बांध में भराव क्षमता का एक चौथाई पानी भी नहीं आया। 17 फीट भराव क्षमता के मोतीपुरा बांध में तीन फीट से कम पानी है तो दस फीट भराव क्षमता वाले बटावदी बांध में दो फीट से भी कम पानी है। 25 फीट भराव क्षमता वाले पाईबालापुरा बांध में 17 फीट पानी ही है।

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