बुलंदशहर

शर्मनाक! श्मशान को तारबंदी कर अगड़ी-पिछड़ी जातियों में बांटा, सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीर

Highlights:
-गांव में बने श्मशान को जातियों के आधार पर दो हिस्सों में बांटा गया
-सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल होने पर जिला प्रशासन में हड़कंप
-पहासू के बीडीओ घनश्याम वर्मा जांच के बाद कार्रवाई की कही

बुलंदशहरFeb 19, 2021 / 03:14 pm

Rahul Chauhan

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
बुलंदशहर। देश में आज के समय हर कोई डिजिटल युग में जी रहा है। बावजूद इसके कई लोग ऐसे भी हैं जो पुरानी रीति-रिवाज और परंपराओं को दूसरों पर थोपने से बाज नहीं आते। ऐसा ही कुछ जातीय भेदभाव को लेकर भी देखने को मिलता है। आज के समय में भी कई इलाकों में लोग जाति को लेकर तरह-तरह के कानून बनाते नजर आ जाते हैं। ऐसा ही एक मामला बुलंदशहर जिले का सामने आया है। जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। दरअसल, मामला बुलंदशहर के पहासू ब्लॉक के बनैल गांव का है। जहां कुछ लोगों ने श्मशान घाट को ही जाति के आधार पर बांट दिया। इतना ही नहीं, बकायदा तारबंदी कर श्मशान में अगड़ी जाति और पिछड़ी जाति के शवों को जलाने का नियम बना दिया गया। सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होने पर प्रशासन ने जांच शुरू की।
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जानकारी के मुताबिक 2017 में गांव में श्मशान घाट का निर्माण कराया गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसके कुछ समय बाद ही इसे तारबंदी कर दो हिस्सों में बांट दिया गया। वहीं मामला सुर्खियों में आने के बाद अब जिला प्रशासन एक्शन में आया है और मामले में जिलाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही श्मशान से तारबंदी भी हटवाकर मामले की जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है। उधर, ग्रामीणों का आरोप है कि यह सब ग्राम प्रधान द्वारा कराया गया था।
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मामले की जानकारी देते हुए ग्रामीण सचिन वर्मा ने बताया कि श्मशान घाट में एक तरफ दलित और दूसरी तरफ अगड़ी जाति के शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। इस तरह की तारबंदी किया जाना गलत है, लेकिन जब यह सब हुआ तो इसका किसी ने विरोध भी नहीं किया। इसलिए तब से यहां ऐसा ही होता आ रहा है। बीडीओ घनश्याम वर्मा का कहना है कि मामला संज्ञान में आने पर गांव में टीम को भेजा गया और श्मशान में लगी तारबंदी को हटवा दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। आसपास के लोगों से भी पूछताछ हो रही है। जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस तरह के जातीय भेदभाव करना बहुत गलत है।

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