यह भी पढ़ें- शर्मनाक: मुंह बोले चाचा ने दो साथियों के साथ 10वीं की छात्रा से की दरिंदगी गौरतलब है कि नाबालिग छात्रा आरुषि जब 2 जनवरी 2018 को ट्यूशन से घर लौट रही थी, तभी उसे अगवा कर लिया गया था। चलती कार में एनएच-91 पर आरुषि के साथ दरिंदों ने बारी-बारी से दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद 4 जनवरी 2018 को दादरी कोतवाली क्षेत्र के एक रजवाहे में एक अज्ञात शव बरामद हुआ था। पुलिस ने शव की शिनाख्त अरुषि के रूप में की। परिजनों ने समुदाय विषेष के तीन दरिंदों के खिलाफ गैंगरेप और हत्या का केस दर्ज कराया था। अब दो वर्ष की सुनवाई के बाद एडीजे/ पॉक्सो कोर्ट से आरुषि को इंसाफ मिला है।
बिटिया की मां बोली, दरिंदों को फांसी पर लटकते देखना चाहती हूं कोर्ट का फैसला सुनने के बाद बिटिया की मां की आंखे नम हो गईं। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी बिटिया को कफन में देखा है। अब तक तक चैन नहीं मिलेगा, जब तक दरिंदों को फांसी के तख्ते पर लटकते हुए न देख लूं। मां ने कहा कि उन्होंने बेटी को शादी के जोड़े में देखने का सपना संजोया था, लेकिन उससे पहले ही दरिंदों हैवानियत का खेल खेलकर उसे मौत की नींद सुला दिया।
दोषी बोले- हाईकोर्ट में करेंगे अपील उधर, फांसी की सजा सुनते ही तीनों दरिंदों के होश फाख्ता हो गए। उनकी आंखों में मौत का मंजर तो था, लेकिन अपने किए का कोई पछतावा नहीं था। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मीडिया को देख उन्होंने खुद को निर्दोष बताना शुरू कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही।
घटना से दहल गया था यूपी 2 जनवरी 2018 ट्यूशन से घर लौट रही 16 वर्षीय छात्रा अरुषि से चलती कार में गैंगरेप किया गया था। इसके बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। दोषियों ने अपराध छुपाने के लिए छात्रा के शव को दादरी क्षेत्र में नहर में फेंका था। इस घटना के बाद यूपी सियासत गर्मा गई थी। भारी सियासी दबाव के बीच पुलिस ने 10 दिन बाद ही मामले का खुलासा करते हुए तीन युवकों सिकंदराबाद निवासी इजराइल, दिलशाद और जुल्फिकार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।