वारदात को अंजाम देने के बाद मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले वहां से फरार हो गए। पुलिस यह कहकर पीछा छुड़ा रही कि उन्होंने खुद को आग लगाई है। ई रिक्शा चालक का बारह साल का बेटा कह रहा कि मारपीट के बाद पिता को जिंदा जलाया गया। मुहल्ला संख्या पांच निवासी ई रिक्शा चालक ओमप्रकाश के पड़ोस में रहने वाले कुछ लोग गांजा और स्मैक बेचते हैं। एक-दो बार उनके ई रिक्शा पर बैठकर कुछ लोग मुहल्ले में आए। इसके बाद स्मैक खरीदकर चले गए। ओमप्रकाश के स्वजनों ने बताया, स्मैक माफिया बेचने वालों को लगता था कि ओमप्रकाश ही ग्राहकों को लेकर आते हैं, जबकि उनका इससे कोई ताल्लुक नहीं था।
इसके दबाव में आए ओमप्रकाश ने शुक्रवार को रुपये देने का वादा कर जान छुड़ाई। शुक्रवार रात को भी माफिया ने रुपये मांगे, जिस पर उस समय ओमप्रकाश ने असमर्थता जताई। इससे बौखलाए आरोपितों ने रात करीब नौ बजे उन्हेंं घर से खींचा और पीटते हुए रोड पर ले गए। वहीं पेट्रोल डालकर आग लगाई और फरार हो गए। ओमप्रकाश को जलता देख गांव के लोग बचाने दौड़ पड़े। पड़ोसियों ने किसी तरह लपटें बुझाईं और उन्हेंं सरकार अस्पताल ले गए। देर रात हालत बिगडने पर रिक्शा चालक को अलीगढ रेफर कर दिया गया था। जहां उसकी हालत अब भी नाजुक बनी हुई है।
एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी ने बताया कि बिल्सी में एक व्यक्ति के जलने की जानकारी मिली है। गांजा के विवाद की बात सामने आई है। प्रारंभिक तौर पर पता चला है कि उन्होंने खुद ही आग लगाई। मामले की जांच कराई जा रही है, उसी आधार पर कार्रवाई होगी।