जब लोन वसूलने अमिताभ बच्चन के घर आने लगे कर्जदार, घर की कुड़की की आ गई थी नौबत

अमिताभ बच्चन ने जीवन में ऐसा समय भी देखा जब खुद को दिवालिया घोषित करना पड़ा। कर्जदारों ने घर के दरवाजे पर वसूली के लिए आना शुरू कर दिया। यश चोपड़ा ने काम दिया और उसके बाद सबकुछ पटरी पर लौटने लगा।

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने ऐसा समय भी अपने जीवन में देखा है जब उनके घर की कुड़की की नौबत आ गई थी। कर्जदार घर के दरवाजे पर आकर हल्ला करते थे और कभी-कभार भद्दी भाषा का इस्तेमाल करते थे। एक इंटरव्यू में एक्टर ने उस दौर के बारे में बताया जब उन्होंने अमिताभ बच्चन कॉरपोरेशन लिमिटेड कंपनी (एबीसीएल) के घाटे में जाने से खुद को दिवालिया घोषित करना पड़ा।


‘कुछ काम नहीं था’
अमिताभ बच्चन ने अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए कैनरा बैंक से 22 करोड़ रूपए का लोन लिया था। अमिताभ के एबीसीएल की नेट वर्थ 60. 52 करोड़ रूपए थी। कंपनी ने पहले साल 15 करोड़ का लाभ कमाया था। जैसे विस्तार किया गया, कंपनी को करीब 70.82 करोड़ का नुकसान हुआ। बैंक ने अमिताभ के दो बंगलों पर कब्जा जमा लिया, जिनकी कीमत करीब 40-40 लाख रूपए थी। इन बंगलों को गारंटी के तौर पर रखा गया था। उस समय अमिताभ के पास न कोई फिल्म थी और न ही विज्ञापन।

यह भी पढ़ें : फिल्म ’वक्तः द रेस अगेंस्ट टाइम’ को फ्री में करना चाहते थे अमिताभ बच्चन और अक्षय कुमार


90 करोड़ का कर्जा चुकाया
अमिताभ ने एक इंटरव्यू में कहा था कि,’मेरे सिर पर हमेशा तलवार लटकी रहती थी। मैंने कई रातें जाग कर गुजारीं। एक सुबह मैं सीधे यश चोपड़ा जी के घर गया और बोला कि मैं दिवालिया हो गया हूं। मेरे पास फिल्में नहीं हैं। नई दिल्ली में मेरा एक घर और प्रॉपर्टी अटैच हो गई है। यशजी ने मेरे बात सुनी और ‘मोहब्बतें’ में मुझे रोल दिया। तब मुझे विज्ञापन, टीवी और फिल्में मिलने लगे। अब मुझे बताते हुए खुशी होती है कि मैंने मेरा पूरा 90 करोड़ का कर्ज चुका दिया और नई शुरुआत की है।’


अमर सिंह ने दिया साथ
साथ ही अमिताभ ने बताया कि उन्हें अनिल अंबानी और अमर सिंह से भावनात्मक सहारा मिला। ‘मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मेरे पास उन जैसा छोटा भाई था। उन्होंने मेरी परेशानी में साथ दिया और मुझे सहारा ग्रुप के सुब्रत रॉय और अनिल अंबानी से मिलवाया। उन्होंने मुझे पैसा नहीं मानसिक सहायता और ताकत दी। मैंने दूरदर्शन सहित सबका सारा पैसा चुका दिया। जब उन्होंने ब्याज के लिए कहा तो मैंने इसके बदले में उनके विज्ञापन कर दिए। मैं नहीं भूल सकता कि कैसे पैसा देने वाले हमारे घर के दरवाजे पर आते थे, गाली-गलौच, धमकी और मांग करते थे, और सबसे बुरी चीज, जब वे हमारे घर ’प्रतीक्षा’ की कुड़की के लिए आए थे। हम सब ऐसे दौर से गुजरते हैं, उंचाईयां और गिरना ही जीवन है। मैं ऐसी परिस्थिति में रहा हूं जब मैं प्रोफेशनली, कर्मिशियली और पर्सनली सबसे नीचे रहा। उस दौरान समर्पण नहीं करने के बिना पर, मैं इस सिद्धांत पर काम कर रहा था कि एबीसीएल खत्म नहीं होना चाहिए, मुझे ये आश्वस्त करना था कि जो भी मैंने लोगों से लिया है, उसकी एक-एक पाई वापस करनी है। मैंने सोचा कि पैसा वापस नहीं करना सिद्धांत के हिसाब से गलत होगा।

यह भी पढ़ें : जब लोगों को लगा अमिताभ बच्चन के आंखों की रोशनी चली गई

’मैंने मदद के लिए कॉलेज छोड़ दिया’
हाल ही में अमिताभ के बेटे अभिषेक बच्चन ने रणवीर अलाहबादिया से यूट्यूब पोडकॉस्ट में इस बारे में बात की। अभिषेक ने बताया कि,’मुझे नहीं लगता कि मैं उस दौरान उनकी मदद करने लायक था। लेकिन एक बेटे के तौर पर मुझे उनके साथ खड़ा होना है और जैसे भी हो मदद करनी है। इसलिए मैंने कॉलेज छोड़ दी और उनके साथ कंपनी में मदद करना प्रारम्भ कर दिया। एक दिन उन्होंने मुझे बुलाया और बताया कि मूवीज, बिजनेस और कुछ भी नहीं चल रहा। एक दिन वे अपने मित्र यश चोपड़ा के पास गए और ‘मोहब्बतें’ बनीं। बाकी फिर क्या हुआ सब जानते हैं।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.