पाकिस्तानी वेब सीरीज ‘चुड़ैल्स’ 11 को, चार महिलाओं की कहानी

पाकिस्तान की तथाकथित आधुनिक महिलाओं के कारनामों वाली वहां की नई वेब सीरीज ‘चुड़ैल्स’ 11 अगस्त से ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर शुरू हो रही है। इसकी कहानी चार महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमेगी।

-दिनेश ठाकुर
पाकिस्तान में ज्यादातर महिलाएं दहशत और दमन के कैसे दमघोंटू माहौल में जी रही हैं, इसकी थोड़ी-बहुत झलक वहां की शायरा इशरत आफरीं के इन अशआर में मिलती है- ‘लड़कियां मांओं जैसे मुकद्दर क्यों रखती हैं/ तन सहरा (रेगिस्तान) और आंख समुंदर क्यों रखती हैं/ औरतें अपने दुख की विरासत किसको देंगी/ संदूकों में बंद यह जेवर क्यों रखती हैं।’ पाकिस्तान के हुक्मरान महिलाओं के खिलाफ हिंसक वारदातों पर लगाम कसने के लिए उठाए गए कदम गिनाते रहते हैं तो वहां का मानवाधिकार आयोग समय-समय पर ऐसी वारदातों के बढ़ते ग्राफ पर चिंता जताता रहता है। इन सबसे अलग वहां के टीवी चैनल्स पर धारावाहिकों में (इन्हें वहां ड्रामा कहा जाता है) महिलाओं की दूसरी तस्वीर दिखाई जाती है। यह तस्वीर काफी कुछ भारत के सास-बहू मार्का धारावाहिकों से मिलती-जुलती है.. कीमती लिबास और जेवरात में चहकती औरतें, जिन्हें देखकर किसी को भी मुगालता हो सकता है कि पाकिस्तानी हुकूमत का महिला उत्थान कार्यक्रम हद से ज्यादा कामयाब हो चुका है। सामाजिक और सियासी मोर्चे पर महिलाओं के मसलों की अनदेखी की छटपटाहट शायद वहां के धारावाहिक निर्माताओं को ऐसी नकली तस्वीरें दिखाने के लिए मजबूर करती हैं।

पाकिस्तान की तथाकथित आधुनिक महिलाओं के कारनामों वाली वहां की नई वेब सीरीज ‘चुड़ैल्स’ 11 अगस्त से ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर शुरू हो रही है। इसकी कहानी चार महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमेगी। इनमें एक वकील, एक वेडिंग प्लानर, एक बॉक्सर और एक ऐसी है, जो हत्या के मामले में 20 साल की सजा काट चुकी है। माधुरी दीक्षित और जूही चावला की ‘गुलाबी गैंग’ की तरह ये चारों डिटेक्टिव एजेंसी खोलती हैं। बुर्के पहनकर ये महिलाओं के खिलाफ हिंसा में लिप्त ‘बेवफा मर्दों’ के खिलाफ हल्ला बोल देती हैं।

सियासी मोर्चे पर तमाम तनातनी और तल्खियों के बावजूद भारत-पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक हवा-पानी की धारा बदस्तूर बहती रहती है। अस्सी के दशक में, जब दूरदर्शन इकलौता टीवी चैनल था, पाकिस्तान के ‘धूप किनारे’, ‘तन्हाइयां’ और ‘अनकही’ जैसे धारावाहिक भारत में काफी लोकप्रिय हुए थे। सगे-सौतेले और सास-बहू के झगड़ों से अलग इनकी कहानियों में ताजगी थी। बाद में प्राइवेट चैनल्स पर भी कई पाकिस्तानी धारावाहिक दिखाए गए। इनमें ‘कितनी गिरहें बाकी हैं’, ‘हमसफर’, ‘बड़ी आपा’ और ‘वक्त ने किया क्या हसीं सितम’ शामिल हैं। अब ‘चुड़ैल्स’ से यह सिलसिला ओटीटी पर शुरू हो रहा है।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.