मुकेश खन्ना का जया बच्चन को जवाब, कहा- यहां हमें किसी ने खाना नहीं दिया हमने इसके लिए मेहनत की है

अब जया बच्चन के थाली वाले बयान पर एक्टर मुकेश खन्ना ने उनपर निशाना साधा है। मुकेश खन्ना ने कहा आप इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं और सिर्फ इसलिए आप वहां की कमियां नहीं गिनाएंगे, ऐसा नहीं होता है।

<p>Mukesh Khanna Jaya Bachchan </p>
नई दिल्ली: सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच में ड्रग एंगल सामने आने के बाद से ही बॉलीवुड पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में एक्ट्रेस और समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने राज्यसभा में इंडस्ट्री के ही लोगों द्वारा सवाल उठाए जाने पर कहा कि जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं। जया बच्चन ने यह बात रवि किशन का नाम लिए बिना ही उनके लिए कही थी। जिसके बाद से उनका थाली वाला बयान सोशल मीडिया पर काफी सुर्खियों में है। जहां कुछ लोग इसका समर्थन कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग उनके खिलाफ बोल रहे हैं।
अब जया बच्चन के थाली वाले बयान पर एक्टर मुकेश खन्ना ने उनपर निशाना साधा है। मुकेश खन्ना ने कहा आप इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं और सिर्फ इसलिए आप वहां की कमियां नहीं गिनाएंगे, ऐसा नहीं होता है। यहां हमें किसी ने खाना नहीं दिया हमने इसके लिए मेहनत की है। टाइम्स नाऊ से बात करते हुए मुकेश खन्ना ने कहा, ये इंडस्ट्री सबके लिए है, किसी के बाप की नहीं है। यह सालों से चलती आ रही है। लेकिन अब इसमें नेपोटिज्म बढ़ गया है। ग्रुपिज्म बढ़ गया है। अगर रवि किशन ड्रग का मामला उठाते हैं और आप पलटकर ये कहते हो कि ‘जिस थाली में खाते हो उसमें छेद करते हो’ ये बयान हास्यास्पद है।
मुकेश खन्ना आगे कहते हैं कि आप ये कह सकते हैं कि उनका बयान सही है या गलत, बात खत्म। आपने हमें खाना नहीं दिया है। अगर मैं इस लाइन में आया तो ये मेरी मेहनत की वजह है। दूसरों को भी यहां उतनी ही मेहनत लगती है। एक टीम की मेहनत लगती है, किसी के बाप की इंडस्ट्री नहीं है। इसके साथ ही मुकेश खन्ना ने कहा, ड्रग्स छोटा मुद्दा नहीं है। ऐसे में अगर कोई इस मुद्दे को उठा रहा है तो आपको इसमें दिक्कत क्यों हो रही है? आप ऐसा क्यों कह रही हैं कि इंडस्ट्री को क्रिटिसाइज़ मत करिए’।
बता दें कि जया बच्चन के थाली वाले बयान पर एक्टर रणवीर शौरी भी बिना नाम लिए पलटवार कर चुके हैं। उन्होंने एक ट्वीट के जरिए कहा- “थालियां सजाते हैं यह अपने बच्चों के लिए। हम जैसों को फेंके जाते हैं सिर्फ़ टुकड़े।अपना टिफिन खुद पैक करके काम पे जाते हैं हम। किसी ने कुछ दिया नहीं है। जो है, वो है जो यह लोग हमसे ले नहीं सके। इनका बस चलता तो वो भी अपने ही बच्चों को दे देते।”
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