आर्थिक तंगी में गुजारा अंतिम समय
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गीतकार पिछले 10 महीने से बिस्तर पर थे और उनका लिवर ट्रांसप्लांट होना था। हालांकि आर्थिक तंगी के चलते उनके इलाज में दिक्कत आ रही थी। परिवार का सारा पैसा उनके इलाज में खर्च हो गया था। उनके इलाज के लिए शुरूआत में लोगों ने मदद की, लेकिन बाद में मदद जारी नहीं रह सकी।
अभिलाष का असली नाम ( Real Name of Song Writer Abhilash )
अभिलाष का असली नाम ओमप्रकाश था। उनका नाम अभिलाष पड़ने के पीछे एक रोचक किस्सा है। कहा जाता है कि उनका लिखा गीत ‘सांझ भई घर आजा पिया’ लता मंगेशकर रिकॉर्ड कर रही थीं। रिकॉर्डिंग के बाद पूछा गया कि गीतकार का नाम बताएं। किसी ने उनका ओमप्रकाश बताया, तो संगीतकार महावीरजी को ये पसंद नहीं आया। वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने नया नाम अभिलाष सुझा दिया। तब से उनको अभिलाष ही कहा जाने लगा।
‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ ( अंकुश-1985 ) ( Itni shakti hamen dena data )
अभिलाष का लिखा ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ देश-विदेश में लोकप्रिय हुआ। देश के कई स्कूलों में इस गाने को प्रार्थना सभा में आज भी गाया जाता है। इस गाने को 1985 में आई एन चंद्रा की फिल्म ‘अंकुश’ के लिए लिखा गया था। इसे म्यूजिक कम्पोजर कुलदीप सिंह ने संगीतबद्ध किया था। इस गाने का विश्व की 8 भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है। एक इंटरव्यू में अभिलाष ने बताया था कि इस गाने को लिखने में करीब दो महीने का समय लगा था।
अभिलाष के लिखे गाने ( Songs written By Abhilash )
पॉपुलर सॉन्ग ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना’ के अलावा अभिलाष ने ‘चांद जैसे मुखड़े’, ‘आज की रात न जा’, सांझ भई घर आजा’, ‘सावन को आने दो’, ‘तेरे बिन सूना मेरे मन का मंदिर’, ‘संसार है इक नदिया’, ‘तुम्हारी याद के सागर में’ और ‘वो जो खत मुहब्बत में’ आदि यादगार गीत भी लिखे। गाने लिखने के अलावा अभिलाष डायलॉग और स्क्रिप्ट भी लिखते थे। उन्होंने कई टीवी शोज के लिए स्क्रिप्ट लेखन का काम भी किया।