काम नहीं करना निजी फैसला
गीता ने हाल ही में पिंकविला को दिए इंटरव्यू में मातृत्व, इस दौरान प्रेशर और अन्य मुद्दों पर बात की है। उनका कहना है कि महिलाओं को उनके पैशन को यूं ही नहीं छोड़ देना चाहिए। साथ ही महिला को केवल मातृत्व से डिफाइन नहीं किया जाना चाहिए। वे कहती हैं कि वे एक कामकाजी मां के साथ बढ़ी हुई हैं। उन्होंने अपनी फैमिली की अच्छे से देखभाल की। हम आज जो भी हैं, उन्हीं की वजह से हैं। मां होने का अहसास अंदर से खुशी देता है। बेटी हिनाया के जन्म लेने के बाद उनका प्रत्येक क्षण प्यार से भरा रहा। एक्ट्रेस ने प्रोफेशनल फ्रंट पर काम नहीं करने को लेकर कहा है कि ये उनका बेहद निजी निर्णय रहा है। गीता ने कहा कि वह जब भी काम पर लौटने के बारे में सोचेंगी, जरूर वापसी करेंगी।
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बच्चे के हर साथ रहने की तसल्लीकाम नहीं करने को लेकर अपनी बात को विस्तार देते हुए गीता ने कहा कि वह मदरहुड का आनंद ले रहीं थीं। इस बात की तसल्ली भी थी कि वे अपनी बच्ची के साथ हर समय मौजूद रहें। इसमें वो सारे क्षण हैं जिनमें बच्ची का पहली बार हंसना, अपने पैरों पर चलना, पहली बार बोलना शामिल है।
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गीता बसरा का फिल्मी करियर
गौरतलब है कि गीता को पहली बार 2006 में इमरान हाशमी स्टारर मूवी ‘दिल दिया है’ में देखा गया था। उनकी दूसरी फिल्म भी इमरना हाशमी के साथ आई। 2007 में आई इस मूवी का नाम था ‘द ट्रेन’। वह सुखविंदर शिंडा और राहत फतेह अली खान के सॉन्ग ‘गुम सुम गुम सुम’ में भी लीड में नजर आईं। इसमें उनके अपोजिट राहुल भट्ट थे। इसके अलावा गीता ने 2014 में ‘मिस्टर जो बी. कारवाल्हो’, 2015 में ‘सैकंड हैंड हस्बैंड’ और 2016 में पंजाबी मूवी ‘लॉक’ में नजर आईं।