रिपोर्ट के अनुसार, फर्नेस-2 टारपीडो लैडल से हुए रिसाव के कारण पिघलता लोहा रेलवे ट्रैक पर बहने लगा। इसकी वजह से देखते ही देखते भीषण आग लग गई। यह घटना सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर हुई। इस हादसे में कोई भी हताहत नहीं हुआ। हालांकि, अनुमान है कि इस आगजनी की घटना से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
इस वजह से लगी आग
जानकारी के अनुसार, हॉट मेटल से लदा हुआ टारपीडो लैडल पंचर हो गया। इसके बाद 1300 डिग्री सेल्सियस तापमान का हॉट मेटल लीकेज होकर टॉरपीडो से बाहर निकलने लगा और पूरे रेलवे ट्रैक पर फैल गया। इसके बाद देखते ही देखते आग लग गई। आग की लपटें इतनी ऊंची उठीं कि पूरे टॉरपीडो को अपनी चपेट में ले लिया।
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इस घटना के बाद फर्नेस 2 में कामकाज ठप पड़ गया। आगजनी की सूचना मिलते ही मौके पर दमकल विभाग की कम से कम 6 गाड़ियां पहुंची और आग बुझाने की कोशिश की। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। संभावना जताई जा रही है कि इस आगजनी से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
इस मामले में बोकारो स्टील के संचार प्रमुख मणिकांत धान ने नुकसान को लेकर कुछ भी बताने से इनकार किया है। घटना के तीन घंटे बाद फिर से उत्पादन शुरू हो गया है। आपको बता दें कि बोकारो स्टील प्लांट में इससे पहले भी ऐसा हादसा हो चुका है। इससे पहले जब लेडल ब्लास्ट हुआ था, तब काफी नुकसान हुआ था।