भ्रांति-1
ऊपर के दांत निकलवाने से आंखें कमजोर हो जाती हैं।
सच : दांतों और आंख का अंदरुनी तौर पर कोई जुड़ाव नहीं होता। इसलिए ऊपर के दांत निकलवाने के बाद आंखोंं की रोशनी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
भ्रांति-2
छोटे बच्चों के दांतों के लिए ब्रश का प्रयोग न करें।
सच : जैसे ही बच्चे के मुंह में पहला दांत दिखना शुरू हो, उसकी सफाई शुरू कर दें। हां, ब्रश छोटे हेड वाला व सॉफ्ट हो। बच्चे को सुबह और रात के समय ब्रश जरूर कराएं।
भ्रांति-3 सफाई कराने से दांत कमजोर हो जाते हैं।
सच : दांतों को हड्डी से मजबूती मिलती है। ठीक से ब्रश न करने पर दांतों पर परत जमने लगती है, जिसे प्लाक कहते हैं। धीरे-धीरे यह कठोर (केलक्यूलस) हो जाती है। यह प्लाक, दांतों का क्षय करती है। इसलिए दांतों की सफाई (स्कैलिंग) के दौरान इसके हटने से व्यक्ति को दांत कमजोर लगते हैं।
भ्रांति-4 जितना ज्यादा ब्रश, दांत उतने साफ रहेंगे।
सच : ज्यादा ब्रश करने से दांत घिस जाते हैं। ब्रश करने की संख्या से ज्यादा जरूरी है, इसे करने का सही तरीका।
भ्रांति-5
गर्भावस्था में दांत का इलाज नहीं कराना चाहिए।
सच : गर्भावस्था के दौरान दांतों की समस्या से जुड़ी दवाइयां लेने से प्रेग्नेंसी पर कोई फर्क नहीं पड़ता। इसलिए यदि दांतों की कोई समस्या हो तो दंत रोग विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
भ्रांति-6
ब्रश से खून निकले तो अंगुलियों से दांत साफ करें
सच : टूथब्रश प्लाक को हटाता है। अंगुलियां यह काम नहीं कर सकतीं। अगर ब्रश करने के दौरान खून निकल रहा है तो यह मसूड़ों की समस्या है। ऐसे में विशेषज्ञ से संपर्क करें।
भ्रांति 7
दांतदर्द या मामूली-सी दिक्कत में विशेषज्ञ के पास जाने की जरूरत नहीं होती।
सच : अगर आपके दांतों में दिक्कत है तो विशेषज्ञ से संपर्क जरूर करें वर्ना परेशानी बढ़ सकती है।
भ्रांति-8
दूध के दांतों का इलाज नहीं करवाना चाहिए क्योंकि वे तो गिर ही जाएंगे।
सच : दूध के दांत बच्चे के समग्र विकास के लिए बहुत जरूरी होते हैं। इसलिए इनकी देखभाल बेहद जरूरी है।
भ्रांति-9
एक बार किसी दांत में फिलिंग करवाने के बाद दोबारा उसमें कीड़ा नहीं लगता।
सच : यदि दांतों की नियमित सफाई न की जाए तो अन्य दांतों की तरह फिलिंग वाले दांत में भी कीड़ा लग सकता है।
भ्रांति-10
दांत के इलाज में दर्द होता है।
सच : आधुनिक तकनीक की मदद से अब दांतों के इलाज में दर्द न के बराबर होता है।