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मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने यह खोज की है। उन्होंने पाया कि फंगल पर शहद के बेहद कम मात्रा का भी काफी असर होता है। इससे भविष्य में फंगस से होने वाली बीमारियों के शिकार मरीजों के लिए नर्ई दवाईयों का निर्माण किया जा सकेगा। फंगस के कारण कई गंभीर बीमारियां होती है जो लंबे समय तक लाइलाज रहती है। मनुष्यों में पाए जाने वाले 60 से 80 फीसदी बीमारियां फंगस के कारण ही होती हैं। यह भी पढ़ें