शोध – सामने आया तीन म्यूटेशन वाला है नया कोरोना वायरस

दिसंबर में पहला अमरीकी संक्रमित मरीज सामने आने के बाद कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ दिसंबर से ही सीओवीआईडी-19 के आनुवांशिक इतिहास (जेनेटिक हिस्ट्री) की पहचान करने या मैपिंग करने का प्रयास कर रहे थे।

<p>The new corona virus is revealed with three mutations</p>

कोरोना वायरस से अब तक दुनिया के अलग-अलग देशों में 103779 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोनावायरस के बारे में हाल ही हुए एक अध्ययन में, सामने आया कि नोवेल कोरोना वायरस के कोविड-19 वायरस के तीन अलग-अलग म्यूटेशन हैं। इतना ही नहीं अमरीका में कोरोना वायरस का मूल वायरस ही लोगों को संक्रमित कर रहा है। दरअसल, दिसंबर में पहला अमरीकी संक्रमित मरीज सामने आने के बाद कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ दिसंबर से ही सीओवीआईडी-19 के आनुवांशिक इतिहास (जेनेटिक हिस्ट्री) की पहचान करने या मैपिंग करने का प्रयास कर रहे थे।

कोरोना वायरस के ये तीन प्रकार एक-दूसरे से बहुत हद तक जुड़े हुए हैं। सार्स सीओ-वी2 या नोवेल कोरोनावायरस के आनुवंशिक इतिहास के विश्लेषण से पता चलता है कि इसका टाइप-ए चमगादड़ से आया और पैंगोलिन के जरिए मनुष्यों तक पहुंचा है। हालांकि यह ए स्ट्रेन चीन में आम नहीं था जहां यह महामारी सबसे पहले फैली थी।

इसके बाद आता है टाइप-बी कोरोना वायरस जो टाइप-ए वायरस से दो म्यूटेशन के बाद बना है। यही वायरस चीन के वुहान शहर से पहले पूरे चीन और उसके बाद दुनिया के ज्यादातर शहरों में फैला था। हालांकि अमरीका और ऑस्ट्रेलिया में 4 लाख से अधिक कोविड-19 मामलों में मूल रूप से अंतर पाया गया है। अमरीका से प्राप्त दो-तिहाई नमूनों से पता चला है कि वहां टाइप ए नोवेल कोरोनावायरस का संक्रमण है और संक्रमित रोगी न्यूयॉर्क से नहीं आए थे, जिसे अमरीका में वायरस का ऐपिसेंटर माना जा रहा है। अधिकांश मरीज पश्चिमी तट से आए थे। जबकि यूरोपीय देशों में टाइप -बी कोरोना वायरस अधिक आम है विशेष रूप से यूनाइटेड किंगडम में पॉजिटिव पाए गए तीन-चौथाई नमूने टाइप बी कोरोनावायरस के हैं। वहीं बेल्जियम, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों में भी टाइप बी कोरोनवायरस के मामले ही ज्यादा हैं। जबकि टाइप सी कोरोनावायरस यूरोप के कुछ देशों के अलावा एशिया में, विशेष रूप से सिंगापुर में देखा जा रहा है। यह प्रकार टाइप बी का रिश्तेदार है और यह केवल एक बार ही म्यूटेंट हुआ है।

अमरीका की नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द जर्नल में प्रकाशित यह अध्ययन एक विषमता को दर्शाता है कि वायरस का ए प्रकार चीन की बजाय अमरीका में अधिक घातक साबित हो रहा है। यहां अब तक 503177लोग इस वायरस से संक्रमित हैं और 18761 लोगों की मौत हो चुकी है। अध्ययन के शोधकर्ता डॉ. पीटर फोस्र्टर और उनकी टीम का मानना है कि उनका अध्ययन अभी किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है क्योंकि अभी शुरुआती स्तर पर है। उन्होंने केवल 160 नमूनों का परीक्षण किया था जिसमें अमरीका और यूरोप में शुरुआती दिनों में सामने आए मामलों के नमूने ही शामिल थे। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि विभिन्न देशों में वहां के लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कोहराने के लिए यह वायरस निरंतर म्यूटेशन कर रहा है।

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