हाथों की मसाज-
दाएं हाथ के अंगूठे व पहली अंगुली के बीच के गैप को बाएं हाथ की अंगुलियों से दबाएं। 10 सेकंड तक प्रेशर धीरे-धीरे बढ़ाएं। इसे दूसरे हाथ से भी दोहराएं। कमर की मसाज-
पेट के बल लेटकर किसी सहयोगी से कमर की मसाज करवाएं। लोअर बैक के बीच मौजूद बिंदुओं पर प्रेशर दें।
दाएं हाथ के अंगूठे व पहली अंगुली के बीच के गैप को बाएं हाथ की अंगुलियों से दबाएं। 10 सेकंड तक प्रेशर धीरे-धीरे बढ़ाएं। इसे दूसरे हाथ से भी दोहराएं। कमर की मसाज-
पेट के बल लेटकर किसी सहयोगी से कमर की मसाज करवाएं। लोअर बैक के बीच मौजूद बिंदुओं पर प्रेशर दें।
पंजों की मसाज-
कमर में जहां दर्द है वहां के पैर के पंजों को हाथों में लेकर अंगूठे-पहली अंगुली के बीच मसाज करें। औषधि की तरह हैं ये पत्ते –
पेड़ फल-छाया तो देेते हैं साथ ही इनमें कई औषधीय गुण भी हैं। जानें कौनसे पेड़ किस तरह उपयोगी हैं।
बबूल: इसकी पत्तियों के रस में थोड़ी मिश्री पीसकर पीने से पेट की जलन शांत होती है। पत्तियों को चबाने से मुंह के छाले, मसूड़ों में सूजन व मुंह से खून आने की दिक्कत नहीं होती।
नीम: टायफॉइड, खसरा व चेचक के मरीजों के आसपास नीम की टहनियों को रखने से रोग के बैक्टीरिया नष्ट होते हैं। पत्तियों को पीसकर लगाने से चेचक व खसरे के निशान, फोड़े व फुंसियां ठीक हो जाती हैं।
कमर में जहां दर्द है वहां के पैर के पंजों को हाथों में लेकर अंगूठे-पहली अंगुली के बीच मसाज करें। औषधि की तरह हैं ये पत्ते –
पेड़ फल-छाया तो देेते हैं साथ ही इनमें कई औषधीय गुण भी हैं। जानें कौनसे पेड़ किस तरह उपयोगी हैं।
बबूल: इसकी पत्तियों के रस में थोड़ी मिश्री पीसकर पीने से पेट की जलन शांत होती है। पत्तियों को चबाने से मुंह के छाले, मसूड़ों में सूजन व मुंह से खून आने की दिक्कत नहीं होती।
नीम: टायफॉइड, खसरा व चेचक के मरीजों के आसपास नीम की टहनियों को रखने से रोग के बैक्टीरिया नष्ट होते हैं। पत्तियों को पीसकर लगाने से चेचक व खसरे के निशान, फोड़े व फुंसियां ठीक हो जाती हैं।