दर्द कम करेगी म्यूजिक थैरेपी

बात यदि शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक सेहत की हो तो जरूरी नहीं कि दवाओं या अन्य गतिविधियों का सहारा ही लिया जाए। दिमागी…

<p>Music therapy</p>

बात यदि शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक सेहत की हो तो जरूरी नहीं कि दवाओं या अन्य गतिविधियों का सहारा ही लिया जाए। दिमागी शांति के लिए म्यूजिक थैरेपी एक आसान उपचार साबित हो सकती है।

 

चिकित्सा विज्ञान के मुताबिक संगीत केवल मनोरंजन के लिए ही नहीं बल्कि हमारे दिमाग के प्लेजर सेंटर (खुशी देने वाला हिस्सा) को उत्तेजित करता है। संगीत तनाव व दर्द को भुलाकर दिमागी कार्यक्षमता बढ़ाता है। यह सेल्फ मेडिटेशन भी है। जानते हैं संगीत और स्वास्थ्य की जुगलबंदी के बारे में।

डोपामाइन स्त्रावित कर खुशी देता है संगीत

हमारे दिमाग के मध्य में सेंट्रल ग्रे एरिया होता है जो दर्द के स्तर को नियंत्रित करता है। संगीत सुनने से दिमाग का प्लेजर सिस्टम उत्तेजित होता है और डोपामाइन हार्माेन का स्तर बढ़ जाता है। डोपामाइन का काम हमें खुश रखना और दर्द के अहसास को कम करना होता है।

सरल शब्दों में कहें तो जब हम संगीत सुनते हैं तो हमारा दिमाग शरीर को प्राकृतिक दर्दनिवारक तत्त्वों का अहसास दिलाता है जिससे व्यक्ति को मानसिक सुकून मिलता है।

कलेक्शन बनाकर लें थैरेपी का लाभ

सभी प्रकार के संगीत दिमाग को रिलेक्स नहीं करते। कई बार फास्ट म्यूजिक नर्वस सिस्टम को उत्तेजित कर देता है जिससे दर्द बढ़ता है। इसलिए संगीत सुनते समय अपने हृदय की धडक़नों और सांस पर ध्यान दें।

ऐसा संगीत न सुनें जो एक पल सांस को तेज करे और अगले पल धीमा। वही संगीत, दर्द या तनाव कम करेगा जो हृदय की धडक़न और सांस को प्रभावित नहीं करे। संगीत या म्यूजिक थैरेपी का लाभ लेने के लिए पसंदीदा गानों का कलेक्शन बनाकर उसे सुनें।

क्लेवलेंड क्लिनिक फाउंडेशन, ओहियो के शोध में पाया गया कि जो लोग हफ्ते में 3-4 घंटे संगीत सुनते हंै उन्हें दर्द का अहसास कम होता है। नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी एनेस्थीसियोलॉजी और पिडिएट्रिक्स के भारतीय मूल के डॉ. संथानम सुरेश के एक अध्ययन का निष्कर्ष है कि संगीत सुनने से सर्जरी के दौरान बच्चों को दर्द का अहसास कम होता है और रिकवरी जल्दी होती है।

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