खांसी ठीक नहीं हो रही तो हो सकता है इस बीमारी के लक्षण

नई तकनीक के तहत फेफड़ों के कैंसर की एडवांस स्टेज में लिक्विड बायोप्सी का विकल्प है।

<p>If the cough is not cured, there may be symptoms of lung cancer</p>

फेफड़ों का कैंसर क्या है? भारत में कौन ज्यादा प्रभावित ?

फेफड़ों के कैंसर की वजह एक या दोनों फेफड़ों में कोशिकाओं की अनियंत्रित बढ़ोतरी है जो गांठ का रूप ले लेती हैं। इलाज के अभाव में ये गाठें तेजी से विभाजित हो जाती हैं जिससे सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। यह आमतौर पर होने वाला कैंसर है। यह भारत में पुरुषों की मृत्यु का एक मुख्य कारण है।

इस रोग के लक्षण क्या हैं?
अधिकांश मामलों में शुरुआती स्तर पर खास लक्षण नहीं दिखते। लेकिन ठीक न होने वाली खांसी आम है। इसके साथ खून या बलगम आना, गहरी सांस लेने पर सीने में दर्द जो खांसने या हंसने से बढ़ जाए, आवाज में घरघराहट, वजन और भूख कम होना, सांस फूलना या ब्रॉन्क्राइटिस व निमोनिया जैसे संक्रमण का लंबी अवधि तक बने रहना या बार-बार होना।

किन कारणों से बढ़ता है रोग का खतरा?
किसी भी रूप में तंबाकू लेना नुकसानदायक है। धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर की खास वजह है। पैसिव स्मोकिंग, फैमिली हिस्ट्री व रेडियोथैरेपी ले चुके व्यक्ति में इसकी आशंका रहती है।

रोग का उपचार क्या है?
इलाज मरीज की उम्र, कैंसर का प्रकार व इसके फैलाव पर निर्भर करता है। रोग की शुरुआती स्टेज में सर्जरी, रेडियोथैरेपी व कीमोथैरेपी करते हैं। अधिक फैलाव में सर्जरी व रेडियोथैरेपी के बजाय कीमोथैरेपी, टार्गेटेड थैरेपी या इम्युनोथैरेपी करते हैं।

क्या यह सच है कि बायोप्सी से कैंसर फैलता है?
बायोप्सी करने से कैंसर नहीं फैलता। इन दिनों एडवांस स्टेज के लिए लिक्विड बायोप्सी का विकल्प भी है जिससे कुछ मरीजों में अगली जनरेशन का उपचार भी कर सकते हैं।

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