मोटापे की समस्या वाले लोग अगर अपने वजन में कमी लाएं तो दिल की धड़कन के अनियमित होने और उससे उत्पन्न विकार में खुद कमी ला सकते हैं। यह बात एक शोध से पता चली है। शोध के निष्कर्षों से पता चलता है कि 10 फीसदी वजन घटाने के साथ जोखिम कारकों से जुड़े प्रबंधन से एट्रियल फाइब्रिलेशन (एएफ) के प्रभाव में कमी आ सकती है। यह स्ट्रोक के प्रमुख कारक में से है, जिससे मोटापाग्रस्त लोगों में हर्ट फेल्योर हो सकता है।
रसोई में इस्तेमाल पानी से उगाएं हर्बल पौधे
स्मार्थ टूथब्रश से हार्ट डिजीज के संकेत
पहाड़ों पर रहने से प्रभावित होता है हड्डियों का विकास
रक्तदान अपनी सेहत के लिए भी फायदेमंद
योग से जुड़े चार भ्रम और सच
कैंसर से बचा सकती हैं ये आदतें
हृदय की धमनियों की सिकुडऩ दूर करने के लिए करें ये आसन
शराब पीने से अल्कालिक याददाश्त पर बुरा असर
नींद पूरी लें क्योंकि अनिद्रा लाती है बीमारियां
दिमाग को बनाइए स्मार्ट