एरोबिक्स व डांस –
हफ्ते में पांच दिन 30 मिनट की एरोबिक्स करें। इसमें सीढ़ी चढ़ना, स्वीमिंग आदि कर सकते हैं। ऐसा न कर पाने पर डांस कर सकते हैं। यह मन को सुकून देने के साथ हड्डियों व मसल्स को मजबूत बनाता है।
वॉक व जॉगिंग –
रोजाना सुबह दौड़ लगाना शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है। इससे वजन नियंत्रित रहने के अलावा हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। रोज क्षमतानुसार कुछ किलोमीटर दौड़ें।
वेट लिफ्टिंग : जिम में भारी वजन उठाने से जुड़े व्यायाम से भी हड्डियां मजबूत व शरीर फिट रहता है। दर्द, थकान रहे तो कराएं जांच बीएमडी यानी बोन मिनरल डेंसिटी टैस्ट से हड्डियों की मजबूती को जांचा जाता है। इसमें डेक्सा मशीन से हड्डियों का घनत्व देखकर ऑस्टियोपोरोसिस का पता लगाते हैं। इसे 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले, मेनोपॉज के बाद महिलाओं को, कम उम्र में गर्भाशय निकलवा चुकी महिलाएं व अक्सर हड्डियों में दर्द रहने और जल्दी थकान होने की स्थिति में विशेषज्ञ कराने की सलाह देते हैं।