कैल्शियम के फायदे-
कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या होती है। इसके अलावा मांसपेशियों में ऐठन, याद्दाश्त में कमी, शरीर सुन्न होना और हाथों- पैरों में झुनझुनी जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। सामान्य ब्लड क्लॉटिंग में कैल्शियम अहम भूमिका निभाता है। क्लॉटिंग की प्रक्रिया में कई तरह के स्टेप्स होते है, जिसमें केमिकल्स शामिल होते हैं। इन स्टेप्स में कैल्शियम अहम हिस्सा होता है। कैल्शियम को कमजोर व पतली हड्डियों को मजबूत करने, दिल की कमजोरी, महिलाओं के मासिक धर्म से संबंधित रोगों के उपचार में लाभकारी पाया गया है।
महिलाओं के जरूरी कैल्शियम-
कैल्शियम गर्भवती महिलाओं का ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखता है। ये गर्भस्थ शिशु व मां के लिए जरूरी है। गर्भवती महिला को 2500 मिग्रा. से ज्यादा कैल्शियम नहीं लेनी चाहिए। मासिक धर्म, गर्भधारण, स्तनपान और मेनोपॉज के दौरान कैल्शियम कमी हो जाती है। इसलिए इसे नियमित लेना जरूरी है। दूध एक गिलास (गाय) से 260 मिलीग्राम, दूध एक गिलास (भैंस) से 410 मिलीग्राम कैल्शियम मिलता है। कैल्शियम उचित मात्रा में खाने से हमारी बुद्धि प्रखर होती है और तर्क शक्ति भी बढ़ती है। दूध के अलावा हरी पत्तेदार सब्जियों में भी यह तत्व पाया जाता है।
विटामिन डी, कैल्शियम को अवशोषित करने में शरीर की मदद करता है। दूध, ब्रोकोली और टोफू कैल्श्यिम के प्रमुख स्रोतों में से एक हैं। एक टी टेबल तिल में करीब 88 मिग्रा. कैल्शियम होता है। इसे सलाद, सूप में इस्तेमाल किया जा सकता हैं। एक गिलास उबलते पानी में एक चम्मच जीरा मिलाएं। पानी को ठंडा करके दिन में दो से चार बार पीएं। इससे शरीर में कैल्शियम की कमी दूर हो सकती है। 250 मिग्रा. गुग्गुल, गिलोय की पत्तियां, जड़ व तना और एंटीऑक्सीडेंट युक्त अश्वगंधा का प्रयोग कर सकते हैं।