लेकिन दो साल गुजरने के बाद भी यह जांच अधूरी है। अब तक करीब दो दर्जन लोगों का बयान दर्ज नहीं हो सका है। पिछले डेढ़ माह से बयान दर्ज कराने वाले लोगों को कोरोना संक्रमित होने से बयान टल गया । इसके बाद अधिकांश कांगे्रस मरवाही विधानसभा उपचुनाव में व्यस्त हो गए थे।
अतिरिक्त कलेक्टर बीएस उइके लाठीचार्ज मामले की दंडाधिकारी जांच कर रहे हैं। दो माह पहले उन्होंने सप्ताह के प्रत्येक शुक्रवार को इसकी चुनाव करने के लिए एक माह का शेड्यूल तैयार किया था। इस बीच बयान दर्ज कराने वालों या उनके अधिवक्ताओं ने उनके कोरोना संक्रमित होने संबंधी जांच अधिकारी को आवेदन पेश किया।
इसकी वजह से दंडाधिकारी जांच फिर रुक गई। अब नए सिरे से जिनके बयान दर्ज नहीं हुए हैं, उनको पेशी में बुलाने के लिए पुन: समंस भेजने की तैयारी शुरू की जा रही है। २७ नवंबर से दंडाधिकारी जांच पुन: प्रारंभ करने की तैयारी की जा रही है।