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पूजा विधि
गंगा दशहरा के दिन प्रात:काल उठकर गंगा जी में स्नान करें। यदि यह संभव न हो तो स्नान करने वाले पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। सूर्य देव को गंगा जल मिले जल से अघ्र्य डालें। उसके बाद घर में पूजा स्थल पर जाकर दीप प्रज्वलित करें। उसके बाद सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।अब गंगा आरती करें। इस दिन व्रत रखना उत्तम फलदायक होता है। भगवान शिव की पूजा करें।
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गंगा दशहरा का महत्त्व
गंगा दशहरा के दिन जो भी व्यक्ति विधि-विधान से गंगा नदी में या किसी भी पवित्र नदी या कुंड में स्नान कर अपनी श्रद्धा के अनुसार दान करें तो उसे न केवल अपने सभी पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि उसे कई महायज्ञों के समान पुण्य भी प्राप्त होता है। धार्मिक मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की पूजा अर्चना से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।