दिमाग को पढ़ने वाला हेलमेट करेगा बाइक कंट्रोल, होंडा ने दाखिल कराया अनोखा पेटेंट

होंडा ( Honda Motorcycle ) ने हाइपर-एडवांस्ड माइंड-कंट्रोल्ड मोटरसाइकिल टेक्नोलॉजी के दाखिल किया पेटेंट।
यह टेक्नोलॉजी एक हेलमेट के साथ काम करेगी जिसमें इनबिल्ट न्यूरल सेंसर होंगे।
होंडा की यह तकनीकी दिमाग के विचारों को पढ़कर बाइक को उस हिसाब से करेगी एडजस्ट।

<p>Hyper-advanced mind-controlled bike technology, Honda files patent</p>
नई दिल्ली। सोचिए ऐसी मोटर साइकिल की सवारी करना कितना अच्छा होगा जो अपने आप ड्राइव करती हो। खैर, यह सटीक तकनीक अभी भी दशकों दूर हो सकती है लेकिन होंडा कथित तौर पर इसी तरह की तकनीक की तर्ज पर काम कर रही है। होंडा ( Honda Motorcycle ) ने अब मोटरसाइकिल पर अब तक के सबसे अद्भुत पेटेंट में से एक दायर किया है, जिसके जरिये केवल दिमाग यानी अपने विचारों द्वारा आंशिक रूप से बाइक को नियंत्रित किया जा सकता है।
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जहां फिलहाल कोई भी यह तर्क दे सकता है कि अभी भी सभी बाइकें मन द्वारा नियंत्रित होती हैं, जिनमें मस्तिष्क शरीर के उन अंगों को संकेत भेजता हैं जो मोटरसाइकिल को नियंत्रित करते हैं। हालांकि, नवीनतम पेटेंट से पता चलता है कि कंपनी मोटरसाइकिल के व्यवहार को सीधे प्रभावित करने वाले मस्तिष्क संकेतों के साथ काम करने के अधिक कुशल तरीके पर काम कर रही है।
इसका मतलब यह नहीं है कि जब राइडर दाहिनी ओर जाने के बारे में सोचता है तो बाइक दाईं ओर मुड़ जाएगी, लेकिन होंडा की नई तकनीक बाइक की सेटिंग्स और सहायता प्रणालियों को आंशिक रूप से बदलने के बारे में है। मोटरसाइकिल एक एडवांस्ड हेलमेट के साथ आएगी जिसमें इनबिल्ट न्यूरल सेंसर होंगे जो राइडर के विचारों को आसानी से पकड़ते जाएंगे। बाइक का ऑनबोर्ड कंप्यूटर इन सिग्नल्स को पकड़ेगा और राइडर की मांगों के अनुसार आवश्यक सेटिंग को समायोजित करेगा।
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वर्तमान युग की अधिकांश प्रीमियम बाइक में राइडर असिस्ट फीचर्स जैसे व्हीली कंट्रोल, ट्रैक्शन कंट्रोल, पावर मोड और बहुत कुछ है। इसके अलावा, डुकाटी की नवीनतम मल्टीस्ट्राडा V4 बाजार में सक्रिय रडार प्रणाली लाने वाली पहली बाइक है। यह तकनीक एक्टिव क्रूज कंट्रोल और टकराव की चेतावनी समेत काफी कुछ देने के लिए अनुमति देती है।
होंडा के नए पेटेंट के अनुसार मोटरसाइकिल सवार के मस्तिष्क से इनपुट को समझने में सक्षम होगी। यदि राइडर अगले पहिये को ऊपर उठाने के बारे में सोच रहा है (हालांकि यह दुनिया के अधिकांश हिस्सों में अवैध है), यानी एक पहिये पर बाइक चलाने का मन है तो तकनीक स्वचालित रूप से बाइक के विभिन्न पहलुओं को नियंत्रित करने में मदद करेगी और राइडर को फ्रंट-एंड को ऊपर उठाने में मदद करेगी। इसमें ट्रैक्शन कंट्रोल को कम करके और पीछे के पहिये पर ताकत बढ़ाना (राइडिंग मोड्स को समायोजित करना) शामिल है।

अमित कुमार बाजपेयी

पत्रकारिता में एक दशक से ज्यादा का अनुभव. ऑनलाइन और ऑफलाइन कारोबार, गैज़ेट वर्ल्ड, डिजिटल टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, एजुकेशन पर पैनी नज़र रखते हैं. ग्रेटर नोएडा में हुई फार्मूला वन रेसिंग को लगातार दो साल कवर किया. एक्सपो मार्ट की शुरुआत से लेकर वहां होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों-संगोष्ठियों की रिपोर्टिंग.

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