कोरोना संक्रमण के बढ़ते दायरे को देखते हुए रेलवे स्टेशन पर एक बार फिर से गोल सर्किल बनाने शुरू कर दिए हैं, ताकि यात्रियों से सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाई जा सके। इतना ही नहीं रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार पर रेलवे ने यात्रियों का तापमान मापने के लिए एक अत्याधुनिक कैमरा भी लगाया है, जिसमें लगा सैंसर यात्री का तापमान बता देगा। निर्धारित तापमान से अधिक तापमान होने पर यात्रियों को रेल में सफर करने का मौका नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं जो लोग बिना मास्क होंगे या सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करेंगे, उन्हें भी रेलवे अब टिकट नहीं देगा।
अब नजरें चुराकर नहीं भाग सकेंगे
रेल में सफर करने वाले यात्री अब रेलवे स्टाफ से नजरें चुराकर आस-पास की गलियों से नहीं भाग सकेंगे। अब तक यह देखा जाता था कि जांच के भय से यात्री दूसरे रास्तों से बाहर निकलने के प्रयास करते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। उच्चाधिकारियों ने इस संबंध में भी अब सख्त रवैया अपनाते हुए कोविड गाइडलाइन की पालना करवाने के लिए अधिकारियों और कार्मिकों को निर्देश दिए हैं।
रेलवे स्टेशन का किया औचक निरीक्षण
गुरुवार को अपर मंडल रेल प्रबंधक एनके शर्मा ने बीकानेर रेलवे स्टेशन का औचक निरीक्षण कर वहां सोशल डिस्टेंसिंग नियमों की क्रियान्विति को देखा। उन्होंने बताया कि रेल में सफर करने वाले प्रत्येक यात्री से उम्मीद की जाती है कि वह कोविड गाइडलाइन की पालना करेगा। ऐसा नहीं करने वाले यात्रियों को किसी भी सूरत में सफर करने का मौका नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं इस संबंध में जानबूझकर अनदेखी करने वाले यात्री के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।
दो गज की दूरी रखनी होगी
बीकानेर मंडल के किसी भी रेलवे स्टेशन पर टिकट लेने के दौरान यात्रियों को दो गज की दूरी बनाए रखनी होगी। ऐसा नहीं करने वाले यात्रियों को लाइन से बाहर कर दिया जाएगा। इस संबंध में रेलवे ने टिकट खिड़की और आरक्षण के आस-पास रेलवे सुरक्षा बल के जवानों को तैनात कर दिया है। अपर मंडल रेल प्रबंधक एनके शर्मा ने बताया कि बीकानेर मंडल से संचालित होने वाली सभी स्पेशल रेल गाडिय़ों में नियमित सैनिटाइज किया जा रहा है, ताकि कोरोना संक्रमण से यात्री हिफाजत रहे।
इधर बसों में सोशल डिस्टेंसिंग की अनेदखी
रेलवे भले ही सोशल डिस्टेंसिंग की सख्ती से पालना करवा रहा हो, लेकिन निजी बसों में कोरोना गाइडलाइन को हल्के में लिया जा रहा है। निजी बसों के स्लीपर कोच और सीटों पर बैठने वाले यात्री सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी नहीं कर रहे हैं। हालांकि रोडवेज बसों में यात्रियों को बिठाने से पूर्व बसों को सैनिटाइज जरूर किया जा रहा है।